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( ५१ ) एक लोभोपयोगवाला (१९) बहु क्रोधोपयोगवाले, बहु मायोपयोगवाले, बहु लोभोपयोगवाले (२०) बहु क्रोधोपयोगवाले, एक मानोपयोगवाला, एक मायोपयोगवाला, एक लोभोपयोगवाला (२१) बहु क्रोधोपयोगवाले, एक मानोपयोगवाला, एक मायोपयोगबाला, बहु लोभोपयोगवाले (२२) बहु क्रोधोपयोगवाले, एक मायोपयोगवाला, बहु मानोपयोगवाले, एक लोभोपयोगवाला (२३) बहु क्रोधोपयोगवाले, एक मायोपयोगवाला, बहु मायोपयोगवाला, एक लोभोपयोगवाला (२४) बहु क्रोधोपयोगवाले, बहु मानोपयोगवाले, एक मायोपयोगवाला, एक लोभोपयोगवाला (२५) बहु क्रोधोपयोगवाले, बहु मानोपयोगवाले, एक मायोपयोगवाले, बहु लोभोपयोगवाले (२६) बहु क्रोधोपयोगवाले, बहु मानोपयोगवाले, बहु मायोपयोगवाले, एक लोभोपयोगवाला तथा (२७) बहु क्रोधोपयोगवाले, बहु मानोपयोगवाले, बहु मायोपयोगवाले, बहु लोभोपयोगवाले ।
___ इसी प्रकार सातों पृथ्वी के नरकावासों में एक-एक नरकावास में बसे हुए मनोयोगी, वचनयोगी तथा काययोगी नारकियों में क्रोधोपयोग आदि के २७ विकल्प कहने । जिस-जिस योग का प्रतिपादन करना बह-वह योग कहना तथा नरकावासों में योग की भिन्नता लेश्या की तरह होती है। •२९.२ सयोगी ( काय योगी ) पृथ्वीकायिक में कषायोपयोग के विकल्प ___ असंखेज्जेसुणं भंते ! पुढविक्काइयावाससयसहस्सेसु एगमेगंसि पुढविकाइयावासंसि x x x ( सव्वेसु वि ठाणेसु) वट्टमाणा पुढविक्काइया कि कोहोवउत्ता, माणोवउत्ता, मायोवउत्ता, लोभोवउत्ता! गोयमा! कोहोवउत्ता वि माणोवउत्तावि, मायोवउत्तावि, लोभोवउत्तावि, एवं पुढविक्काइयाणं सन्वेसु वि, ठाणेसु अभंगणं नवरं तेयलेस्साए असीइभंगा।
एवं आउक्काइया वि, तेउक्काइयवाउक्काइयाणं सम्वेसु वि ठाणेसु अभंगयं । वणस्सइकाइया जहा पुढविक्काइया।
-भग० श १ । उ ५ । सू १९२ पृथ्वीकाविक के असंख्यात लाख आवासों में एक-एक आवास में वासित काययोगी पृथ्वीकायिक में कषायोपयोग के विकल्प नहीं कहते । •२९.३ सयोगी ( काययोगी) अप्कायिक में कषायोपयोग के विकल्प
अकायिक के असंख्यात लाख आवासों में एक-एक आवास में वासित काययोगी अप्कायिक में कषायोपयोग के विकल्प नहीं कहते ( देखो पाठ २९.२)। २९.४ सयोगी ( काययोगी) अग्निकायिक में कषायोपयोग के विकल्प
___ अग्निकायिक के असंख्यात लाख आवासों में एक-एक आवास में वासित काययोगी भग्निकायिक में विकल्प नहीं कहने ( देखो पाठ •२९२)।
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