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________________ पृष्ठ M ३०२ r ३०३ ३०३ ३०३ ३०३ ३०३ ३०४ ३०४ ( 111 ) विषय. .५३.९ नीललेशी नारकी का उपपात तथा परभव के आयुष्य का बंध आत्मप्रयोग ( जोग रुप व्यापार ) से होता है .५३.१० कापोतलेशी क्षुद्र कृत युग्म नारकी का उपपात-आत्म प्रयोग से तथा अध्यवसाय-योग-करण से आयुष्य बंध .५३ ११ क्षुद्रकृत युग्म राशि नारकी के योग से परभव का आयुष्य बंध त्र्योज युग्म राशि नारकी के योग से परभव का आयुष्य बंध द्वापर युग्म राशि नारकी के योग से परभव का आयुष्य बंध काल्योज युग्म राशि नारकी के योग से परभव का आयुष्य बंध •५३.१२ कृष्णलेशी भवसिद्धिक क्षुद्रकृत युग्म नारकी के योग से परभव का आयुष्य बंध कृष्णलेशी भवसिद्धक व्योज नारकी के योग से परभव का आयुष्य बंध कृष्णलेशी भवसिद्धिक द्वापर युग्म नारकी के योग से परभव का आयुष्य बंध कृष्णलेशी भवसिद्धिक कल्योज नारकी के योग से परभव का आयुष्य बंध .५३.१ ३ क्षुद्रयुग्मराशिप्रमाणनीललेशी भवसिद्धिक नारकी का योग आदि से परभव का आयुष्य बंध योजयुग्मराशिप्रमाणनीललेशी भवसिद्धिक नारकी का योग आदि से परभव का आयुष्य बंध द्वापरयुग्मराशिप्रमाणनीललेशी भवसिद्धिक नारकी का योग आदि से परभव का आयुष्य बंध कल्योजयुग्मराशिप्रमाणनीललेशी भवसिद्धिक नारकी का योग आदि से परभव का आयुष्य बंध ..३.१३ क्षुद्रयुग्म आदि कापोत लेशी भवसिद्धिक नारकी के योग आदि से परभव का आयुष्य बंध "५३.१४ अभवसिद्धिक कृतयुग्म आदि चार युग्म के आयुष्य बंधन योग आदि से .५३.१५ सम्यग्दृष्टि कृतयुग्म आरि चार युग्म और सयोगी-आयुष्य बंध मिथ्यादृष्टि कृतयुग्म आदि चार युग्म और सयोगी-आयुष्य बंध। "५३.१६ कृष्णपाक्षिक कृतयुग्म आदि के आयुष्य बंध योग आदि से शुक्लपाक्षिक कृतयुग्म आदि के आयुष्य बंध योग आदि से •५३.१७ सयोगी क्षुद्रयुग्म नारकी का उद्वर्तन ___.५४ सयोगी महायुग्म जीव .५४.१ सयोगी महायुग्म एकेन्द्रिय जीव ३०४ ३०४ ३०५ ३०५ س ३०६ ३०७ لله Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016029
Book TitleYoga kosha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMohanlal Banthia, Shreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1996
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size24 MB
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