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विषय .१५ जीव और अधिकरण योग
'२ सयोगी जीव और अधिकरणी या अधिकरण .१६ सयोगी जीव और योग प्राप्त करने की विधि
३७ जघन्य योग से उत्कृष्ट योग प्राप्त करने की विधि '१७ सयोगी जीव और उत्पत्ति १८ योग और कर्मबंध
२ सयोगीनारकी तथा अध्यवसाय-योग-करण से आयुष्य बंध '१९ सयोगी जीव और कर्म का प्रारम्भ और अंत '२० सयोगी नारकी और कम वेदन का प्रारम्भ और समाप्ति '३ सयोगी जीव और ज्ञानावरणीयकर्म के वेदन का प्रारम्भ और समाप्त
सयोगी जीव और दर्शनावरणीय वेदन का प्रारम्भ और समाप्त सयोगी जीव और वेदनीयकर्म का प्रारम्भ और समाप्त
४१ सयोगी जीव और मोहनीयकर्म का प्रारम्भ और समाप्त सयोगी जीव और आयुष्यकर्म का प्रारम्भ और समाप्त सयोगी जीव और नामकर्म का प्रारम्भ और समाप्त सयोगी जीव और गोत्रकर्म का प्रारम्भ और समाप्त
सयोगी जीव और अंतरायकर्म का प्रारम्भ और समाप्त •४ सयोगी अनंतरोपपन्नक नारकी और पाप कर्म का योग '५ सयोगी परंपरोपपन्नक नारको और पाप कर्म का वेदन .२० सयोगी जीव और अणाहारिक
२ कार्मण काययोगी और अनाहारक '५ कार्मण काययोगी अनाहारक होते हैं '५ सयोगी जीव और आहारादि .६ अयोगी जीव अनाहारक होते हैं '२१ सयोगी जीव और आत्मा की अभिन्नता •२२ सयोगी जीव की संख्या '१ औदारिक काययोग की संख्या •२ औदारिकमिश्र काययोग की संख्या '३ कार्मण काययोग की संख्या .२२ योग की संख्या
४५ आहारककाययोग की संख्या
आहारकमिश्रकाययोग की संख्या .२३ अयोगी जीव कौन होते हैं '२४ एक काल में एक योग ·२ वैक्रिय योग क्रिया तथा आहारक योग क्रिया युगपत् नहीं होती है ४६
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