SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 345
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( २५४ ) .९६.२२.३ असंख्यात वर्ष की आयु वाले संशी मनुष्य से सौधर्म कल्प देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में। गमक १-४, ७-९ असंखेजपासाउयसन्निमणुस्सेणं भंते ! जे भविए सोहम्मकप्पे देवत्ताए उववजित्तए ०१ एवं जहेव असंखेजषासाउयस्स सन्निपंचिदियतिरिक्खजोणियस्स सोहम्मेकप्पे उववज्जमाणस्स तहेच सत्त गमगा xxx सेसं तहेव निरवसेस) उनमें सात गमक होते हैं उन सबमें तीनों योग होते है। -भग० श २४ । उ १४ । सू१० .९६.२२.४ संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी मनुष्य से सौधर्म देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में गमक १-8 जइ संखेज्जवासाउय सन्निमणुस्सेहितो ०१ एवं संखेज्जबासाउय सन्निमणुस्साणं जहेव असुरकुमारेसु उवधज्जमाणाणं तहेव णव गमगा भाणियब्बा xxx सेसंतचेव) उनके नव गमकों में ही तीनों योग होते हैं। -भग० श २४ । उ २४ । सू ११ .६६.२३. ईशान देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में.६६.२३.१ असंख्यात वर्ष की आयु वाले संशी पंचेन्द्रिय तियंच योनि से ईशान देवों में होने योग्य जीवों में (ईसाणदेवाणं एसचेव सोहम्मगदेवसरिसा वत्तव्यया xxx सेसं तहेव) (गमक १-४,७-६ ) उनमें सात गमक होते हैं उनमें तीनों योग होते है। -भग० श २४ । उ २४ । १२ .६६.२३.२ संख्यात वर्ष की आयुवाले संज्ञी तियंच पंचेन्द्रिय ये ईशान देवों में उत्पन्न होने वाले जीवों में गमक १-६ संखेज्जयासाउयाणं तिरिक्खजोणियाणं मणुस्साण-य जहेष सोहम्मेसु उववज्जमाणाणं तहेष निरवसेसं णपषिगमगा ) उनके नौ गमकों में ही तीनों योग होते हैं। -भग० श २४ । उ २४ । सू १४ .६६.१३.३ असंख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी मनुष्य से ईशान देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में गमक १-४,७-६ असंखेज्नवासाउयसन्निमणुस्सं वि तहेष xxx जहा पंचिंदियतिरिक्खजोणियस्सं असंखेज्जवासाउयस्स xxx सेसंतहेव) उनके सातों गमकों में तीन योग होते हैं। -भग• श २४ । उ २४ । सू १३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016028
Book TitleYoga kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1993
Total Pages428
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy