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गमगा भाणियचा xxx सेसंत चेष) उनमें नौ गमकों में तीन योग होते है।
-भग० श २४ । उ २ । सू २४-२५
.९६६ नागकुमार यावत् स्तनित देषों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में :१६.६१ पर्याप्त असंशी तिथंच पंचेन्द्रिय योनि से नागकुमार से स्तनित देवों में उत्पन्न
होने योग्य जीवों में ( नागकुमारा णं भंते ! xxx जहतिरिक्त एवं जहा असुरकुमाराणं पत्तब्धया तहाएएसि पि जाब-'असन्नित्ति) उनके
नव गमकों में मनोयोग नहीं होता है, वचनयोगी-काययोगी होते हैं। '१६९.२ असंख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि से नागकुमार से
स्तनित देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में ( असंखेज्जवासाउय-सण्णिपंचिंदिय तिरिक्ख जोणिए णं भंते! जे भविए असुरकुमारेसु उवषज्जित्तप xxx जोगो तिविहो घि xxx1) उनमें तीनों योग होते है।
-भग• श २४ । उ ३ । सू ४-६
९६९३ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यच योनि से नागकुमार
देवों में उत्पन्न होने योग्य जीवों में (पजत्तसंखेज्जवासाउय० जाष जे भषिए नागकुमारेसु उपवजित्तए xxx एवं जहेच असुरकुमारेसु उपवजमाणस्स वत्तव्वया तहेव इहविणवसुवि गमएसु x x x सेसं तं वेष ) उनके नव गमकों में तीनों योग होते हैं।
९६९.४ असंख्यात वर्ष की आयु वाले संज्ञी मनुष्य से नागकुमार देवों में होने योग्य
जीवों में ( असंखेजवासाउयसन्नि मणुस्से गं भंते ! जे भविए नागकुमारेसु उववजित्तए xxx एवं जेहव असंखेजवासाउयाणं तिरिक्तजोणियाणं नागकुमारेसु आदिल्ला तिन्नि गमगा जहेव इमस्स पि। xxx) उनके नव गमकों में तीनों योग होते हैं।
- भग० श २४ । उ ३ । सू १३, १५ ९६९.५ पर्याप्त संख्यात वर्ष की आयु वाले संशी मनुष्य से नागकुमार देवों में उत्पन्न
होने योग्य जीवों में (पज्जत्तसंखेज्जवासाउयसन्निमणुसे णं भंते ! जे भषिए नागकुमारेसु उपज्जित्तए xxx एवं जहेव असुरकुमारेसु उषषज्जमाणस्स सच्चेष छट्ठी लद्धि निरवसेला नवसु गमएसुxxx) उनके नव गमकों में तीनों योग होते हैं। -भग• श २४ । उ३ । सू १७
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