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( २२१ ) नीललेशी में तेरह योग होते है। इसका सब विवेचन कृष्णलेशी की तरह जानना चाहिए। .८१ कापोतलेशी में
काउलेस्साणं भण्णमाणे x x x तेरह जोग xxx। तेसिं चेष पजत्ताणं x x x दस जोग x x x | तेसिं चेष अपजत्ताणं x x x तिण्णि जोग xxx। काउलेस्ला-मिच्छाइट्ठीणं x x x तेरह जोग xxx । तेसिं चेव पज्जत्ताणं xxx दस जोग x xx। तेसिं चेव अपज्जत्ताणं x x x तिणि जोग xxx। काउलेस्सा-सासणसम्माइट्ठीणं xxx तेरह जोग xxxi तेसिं चेव पज्जत्ताणं xxx दस जोग x xx। तेसिं चेष अपज्जत्ताणं xxx तिण्णि जोग xxx। काउलेस्सा-सम्मामिच्छाइट्ठीणं xxx दस जोग xxx। काउलेस्सा-असंजदसम्माइट्ठीणं x x x तेरह जोग xxx । तेसिं चेव पज्जत्ताणं xxx दस जोग xxx | तेसिं चेव अपज्जत्ताणं xxx तिणि जोग x xx।
-षट् खं १ । १ । पु २ | पृ० ७५६-६८ कापोतलेशी में तेरह योग होते हैं। इनके पर्याप्त में दस योग, अपर्याप्त में तीन योग होते है। कापोतलेशी मिथ्याडष्टि में तेरह योग होते हैं। इनके पर्याप्त में दस योग व अपर्याप्त में तीन योग होते हैं।
कापोतलेशी सास्वादान सम्यग्दृष्टि में तेरह योग होते हैं। इनके पर्याप्त में दस योग, अपर्याप्त में तीन योग होते है। कापोतलेशी सम्यगमिथ्याटष्टि गुणस्थान में दस योग होते हैं। कापोतलेशी असंयत सम्यग्दृष्टि गुणस्थान में तेरह योग, इनके पर्याप्त में दस योग, अपर्याप्त में तीन योग होते हैं।
.८२ तेजोलेशी में
तेउलेस्साणं भण्णमाणे xxx पण्णारह जोग xxx। तेसि वेव पज्जत्ताणं x x x एगारह जोग xxx। तेसिं चेव अपज्जत्ताणं xxx चत्तारि जोग xxx। तेउलेस्सा-मिच्छाइट्ठीणं xxx ओरालियमिस्सेण विणा बारह जोग x x x । तेसि चेव पज्जत्ताणं xxx दस जोग xxx । तेसिं चेष अपज्जत्ताणं xxx दो जोग xxx। तेउलेस्सा-सासणसम्माइट्ठीणं xxx ओरालियमिस्सेण विणा बारह जोग xxx। तेसिं चेव पज्जत्ता] x x x दस जोग xxx। तेसिं चेव अपज्जत्ताणं xxx दो जोग xxx। तेउलेस्सा-सम्मामिच्छाइट्ठीणं x xx दस जोग xxx। तेउलेस्सा-असंजदसम्माइट्ठीणं xxx तेरह जोग xxx। तेसि चेव पज्जत्ताणं xxx दस जोग xxx| तेसिं चेष
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