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________________ ( ७७ ) .०२.०१४ काययोग के लक्षण चीयत इति कायः-शरीरं तस्य व्यायामो व्यापारः कायव्यायामः औदारिकादिशरीरयुक्तस्यात्मनो वीर्यपरिणति विशेष इति भावः । -ठाण• स्था १ । सू २१ । टीका तनोति-विस्तारयत्यात्मप्रदेशानस्यामिति तनुरौदारिकशरीरं तया सहकारिकारणभूतया योगस्तनुयोगः, तनुविषयो वा योगस्तनुयोगः।। -कम० मा ४ । गा १० । टीका । पृ० १२८ पात-पित्त-सेभादीहि जणिदपरिस्समेण जादजीवपरिप्फंदो कायजोगो णाम। -षट • खं ४, २, ४ । सू १७५ । टीका । पु १० । पृ० ४३८ जो एकत्र किया जाता है वह काय अर्थात शरीर, उसका व्यायाम अर्थात व्यापार काय व्यायाम है अर्थात औदारिक आदि शरीर से युक्त जीव का वीर्य परिणाम विशेष काययोग कहलाता है। जिसमें आत्मप्रदेशों को विस्तृत किया जाता है वह औदारिक आदि शरीर, उसके सहकारी कारण रूप से होनेवाला योग काययोग है । अयवा काय को विषय बनानेवाला योग काययोग है। ___ वात, पित्त, जंभाई आदि के द्वारा उत्पन्न श्रम से जो जीवप्रदेशों का परिस्पन्दन होता है वह काययोग है। .०२.०१५ औदारिकमिभ काययोग की परिभाषा xxx 'औदारिकमिश्रकायशरीरप्रयोग' इति औदारिकं च तन्मिश्रं च औदारिकमिश्र, केन सह मिश्रितमितिचेत् ? उच्यते, कार्मणेन, तथा चोक्त नियुक्तिकारेण शस्त्र ( आहार ) परिक्षाध्ययने-'जोएणं कम्मएणं आहारेइ अणंतरं जीवो। तेण परं मीसेणं जाव सरीरस्स निप्फत्ती ॥१॥ xxx । ननु मिश्रत्वमुभयनिष्ठं, तथाहि-यथा औरारिक कार्मणेन मिनं तथा कार्मणमपि औदारिकेण मिश्रं ततः कस्मादौदारिकमेव तदुच्यते न कार्मणमिश्रमिति ? उच्यते, इह व्यपदेशः स प्रवर्तनीयो येन विवक्षितार्थप्रतिपत्तिनिष्पतिपक्षा श्रोतृणामुपजायते, अन्यथा सन्देहापत्तितो विवक्षितार्थाप्रतिपत्त्या न तेषामुपकारः कृतः स्यात्, कार्मणं च शरीरमासंसारमविच्छेदेनावस्थितत्वात् सकलेवपि शरीरेषु सम्मवति, ततः कार्मणमिश्रमिन्युक्तेन ज्ञायते कि तिर्यग्मनुष्याणामपर्यातावस्थायां तद्विवक्षितमुत देवनारकाणामिति ? तत उत्पत्तिमाश्रित्यौदारिकस्य प्रधानत्वात् कादाचित्कत्वाञ्च निष्प्रतिपक्षविवक्षितार्थप्रतिपत्त्यर्थमौदारिकेण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016028
Book TitleYoga kosha Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Choradiya
PublisherJain Darshan Prakashan
Publication Year1993
Total Pages428
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size20 MB
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