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रालय [रालक] भो 'उपर'
सूय. ६५२; राव [.] खाई नंदी. १२०:
राव [रञ्जय] रंगाव सूय. २८६ :
राव [रावय् ] जोसावj जंबू. २४०;
रावेंत [रावयत्] जोलावतो
जंबू. १२१ ;
रासि [ राशि ] समूर, ढगलो, ६ विशेष भेष वगेरे બાર રાશિ, ત્રિરાશિ આદિ ગણિત
सूय. ३०६;
सम. २,२३४;
ठा. १००, ३६१;
भग. ११४, १७२,४२४,
५४६, ६४५, ६८०, ७३४, १००३, १०४४,
१०६८ थी १०७८;
नाया. १८,८७,१२३; अंत. १३;
उब. ७०;
राय. १५;
जीवा. १६४,२३०: पन्न. २५०, ४०४: अनुओ. ६५,३१७;
दस. ८२;
रासि [रश्मि] [२gl
विवा. २९;
रासिकड [ राशीकृत] ढगलो उरायेस
बुह. ५२, ५३, ५९, ६०:
रासिजुम्मसय [ राशियुग्मशत] 'भगवा' सूत्रनुंखे
શતક
भग. १०७८:
रासिबद्ध [ राशिबद्ध] दृष्टिवाह अंतर्गत् परिर्मनो એક ભેદ
सम. २२८:
रासी [राशि ] ढगलो देविं. २९६;
राहु [ राहु] खे नामनो खे ग्रह
ठा. ९४ :
नाया. १४१;
नंदी. १५०:
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भग. ५२९,५४६ :
पण्हा. २३;
उव. २५;
पन्न. २२५;
सूर. १९५, १९८,२०२ : नंदी. ९; राहुकम्म [राहुकर्मन्] राहु-क्रिया
चंद. १९९:
सूर. १९५;
राहु विलग्ग (राहुकेतुविलग्ग] राहु-तुनुं भेडावुं गणि. ७०;
राहुगय [राहुगत ] राहु द्वारा सूर्य-चंद्रनुं भवरावं ते गणि. १५;
राहुचरिय [राहुचरित] राहुनुं यार क्षेत्र
सम. १५०;
राहुदेव [राहुदेव ] राहु नाम हेव
सूर. १९५;
राहुवण्ण [ राहुवणं] राहुनो वर्ग
नाया. ४५, ५०:
हुमाण [ राहुविमान] राहुनुं विमान
भग. ५४६;
आगमसकोसो
चंद. १९९:
जीवा. २७१; देविं. १४३;
सूर. १७६, १९५:
राहु [राहुहत] ४ नक्षत्रमां ग्रहए। थयेल होय ते
गणि. १९;
राहूय [राहुहत] खो 'उपर' गणि. १७;
रिउ [ रिपु ] शत्रु, हुश्मन
सम. २२५,३२७;
दस. २९;
रिउ [ ऋतु] वसंत-ग्रीष्माहिऋतु पिंड. १२८;
नाया. १७६;
रिउकाल [ऋतुकाल] खीने ऋतुवंती थवानो अण तंदु. १०:
रिउवेद [ऋग्वेद] प्रसिद्ध धर्मग्रंथ
उव. ४८;
रिउव्वेद [ऋग्वेद] खो 'पर'
भग. ६३९: विवा. २७:
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भग. ५२८.६३८;
रिउव्वेय [ऋग्वेद ] खो 'उपर '
अंत. १३:
नाया. ६७,९२;
पुप्फि. ५:
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