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आगमसद्दकोसो
बुह. १९,८१,९८;
३३२,४३७,६०३ थी ६०५,६०९: वव. १७३ थी १७७;
अनुओ. १०५,११४,१३२: आव. १९,२९; ओह. १७५,२३६, सटिकय [पष्ठिकृत] षष्ठित ९८०,९८२,१००३,१००४:
तंदु. ५६: पिंड. १८४: दस. १६८.३९२, सट्ठिग [पष्टिका योपानी में 10 ४१२,४१३,४९३,५३१;
जंबू. ८८; उत्त. ५६३,९४३,९८०,१०१५,१०१६, सट्ठितंत [षष्ठितन्त्र पिस मुनिरयित शास्त्र १०१८.१०२४,१०२७.१०४२,१०४९,
भग. ११२,४६०: नाया. ६७; १०५०,१११३,११३१,१२१८,१२४९;
उव. ४८;
नंदी. १३५: नंदी. ६,११,३६,४०;
अनुओ. ४५,३०९ सज्झायउजुत्त [स्वाध्याय-उद्युक्त] स्वाध्यायमा
सट्ठिभाग [षष्टिभाग] समो माग ઉદ્યમી
सम. १२५; सूर. १८; भत्त. ५५:
जंबू. २५८; सज्झायकरण स्वाध्यायकरण स्वाध्याय सोते
सट्ठिभाय [षष्टिभागमो 6५२' गणि. ४०,६१,६६:
__ जंबू. २५८: सज्झायकारक स्वाध्यायकारकास्वाध्याय ४२नार
सट्ठिय [पष्टिक] 16 वर्षनी वयवाणो, 44दसा. २;
સ્થવર, એક પ્રકારના ચોખા सज्झायज्झाण [स्वाध्यायध्यान स्वाध्याय मने
सम. १३८; सूर. २४: ધ્યાન
चंद. २८;
तंदु. १० गच्छा. १२८ सज्झायज्झाणजुत्त [स्वाध्यायध्यानयुक्त]
सट्टिहायण [षष्टिहायन] वर्षनोपसवान સ્વાધ્યાય અને ધ્યાન સહિત
उत्त. ३४६;
सड [श स3j, मेवो , ४, गच्छा. १२८; सज्झायरत स्वाध्यायरतस्वाध्यायमांत
विवा. ९ः निर. ११;
सडंगवि षडङ्गविद् शिक्षा, व्या२९u६७अंगाना दस. १६८ सज्झायवाय स्वाध्यायवाद] स्वाध्यायनो वाह,
જાણકાર સ્વાધ્યાય-ચર્ચા
भग. ११२,४६० उव. ४८; सम. ९९;
सडण [शाटन]ोई वस्तुनुंसी ४ते दसा.८० सज्झिलग [दे. माई
भग. ४६४; पिंड. ३२४,६५१.६५४;
नाया. ३२,९३,२११,२१२: सज्झिलगा [दे.डेन
अंत. १३: पण्हा . ८; पिंड. ३१६:
तंदु. १०५: दसा. १०७ थी १११: सट्ठाण [स्वस्थान] पोतनुं स्थान, घर | सडा [सटा] सिंहमाहिनी सरा-821-शिषा सम. १६३: जीवा. ३८९,३९३: भग. ५१८; पन्न. १९२ थी १९६,२०१ थी २०३.२०५. सडिय [शटित]सडेतुं २२१,३१५,३१७ थी ३२१,३२४.३२५. || नाया. ७५; विवा. ३१
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