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(सुत्तंकसहिओ)
૨૬૯ संति [सत् विधमानता, याती संतोसीभाव [सन्तोषीभाव] संतोvilla आया. ५३९; जीवा. २७;
उत्त. ११८४; संतिकम्म [शान्तिकर्मन शांति भाटे तुर्भ संथड [संस्तृत/पथरायेj, Musत, पूर्वनो संांध भग. ५२२: नाया. १५;
તુટ્યાવગરનું, નિરંતર पण्हा. ११:
आया. ३५४,३६५,४८३,४८८: संतिकम्मंत [शान्तिकर्मान्तशति अंतर्गत भग. २५,१५२,१८९,५९४; आया. ४१४ थी ४२०,४६१,४७०;
वव. १६६,२३३.२३५; संतिकर [शान्तिकर/शति२नार
संथडिय संस्तृत समर्थ, तृत, निलिर, जंबू. ७७: उत्त. ५९७;
આચ્છાદિત संतिगिह [शान्तिगृह शांति
निसी. ६३८,६३९; बुह. १४८,१४९: ठा. ४२८ः भग. २००; संथर [सं+ स्तुपाथर,निस्ता२४२वो, पा२४, संतिण्ण [सन्तीण) संसारनी पार पाभेटर, भुत, નિર્વાહ કરવો, સમર્થ હોવું, વિદ્યમાન હોવું सिद्ध
आया. २३४,२४६,३४७; सूय. १४४;
भग. ११६,६२६: नाया. ४०,१५९:. संतिभाव [सद्भाव] विधमान भाव, शतिनो उवा. १४:
विवा. ३७; ભાવ
उव. ४९ः
राय. ८१: भग. ९११,९१२,९४३,९४४
जंबू. ६१,७२,७४.७५,७७,१०१: संतिमग्ग [शान्तिमार्ग]in INRAIनोभा | 'बुह. १९५; दस. १७७; उत्त. ३२६:
संथर [संस्तर] निवाs, Rsg संतिय सत्क संबधि, मालिीवाणु.
पिंड. ३७६; आया. ४८०,४८६: नाया. २१६; संथरमाण [संस्तृण्वत्] पार पाडतो, निवरतो, निसी. ११५,११६,३३०,३३१,३३४; પાથરતો बुह. १०२.१०३.१३४:
आया. ११२,११३; वव, ३३,१८०,१९४,१९५:
निसी. १०८३,१०८४ संतुटु [सन्तुष्ट संतोष पामेला, प्रसन्न
संथरिज [संस्तीय) पार पाभीने, निals sशन, दस. २०९: उत्त. १४५९; પાથરીને, વિસ્તાર કરીને संतुयट्ट [सन्त्वग्वृत्ता५: बहस, सुतेसो दसा. ५३; नाया. १४५.१७० वव. १४४;
संथरिजमाण संस्तीर्यमाण] पार पामतो, निर्वाह संतुस्स [सं + तुष्] प्रसन्न थj, तुष्ट थj
કરતો, પાથરતો उत्त. २२४.११४६:
भग. ४६६: संतोस [सन्तोष संतोष, प्रसन्नता
संथरित्ता [संस्तृत्य]ो संथरिज' ठा. ९३४; दस. ४६०
भग. ११५, विवा. ३७ संतोसओ सन्तोषतस्] संतोषथी
उव. ४९;
जंबू. ६१: दस. ३८९:
संथरेत्ता [संस्तुत्यसो 'संथरिज' संतोसि [सन्तोषिन] संतोषी, निलोली
आया. २३४,४४२: नाया. ४०ः सूय. ५४९ः
उवा. १४:
जंबू. ८४;
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