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૨૧૮
महाप. १२६:
गच्छा. २३.३४;
निसी. ५६१ थी ५६९,५७१,५९०, १०८३,
१०८४ :
ब. २० थी २२,१०५,१०६.१३७ः दसा. ४१ श्री ४७, १०९ थी ११२;
जीय. ६,१८:
ओह. ९८, १८९:
उत्त. ४४५, ४४८, ४५८, ४७४, १०४१:
विहार [ विहार] उपाश्रय
गच्छा. १०७;
विहारकप्प [विहारकल्प ] खेड (उत्डासिङ) आगम नंदी. १३७; जो. नंदी. १ विहारगमण [ विहारगमन] खेऽ गामथी जीठे ग्राम જવું તે
सूय. १९७
विहारचरिया [विहारचर्या ] वियरा यर्या
दस. ५२९:
विहारजत्ता [विहारयात्रा ] 'विहार' यात्रा उत्त. ७१४:
विहारभूमि [ विहारभूमि ] स्वाध्याय भूमि
आया. ३३८.३५३,३५४, ४४६.४८३,
४८८ :
सम. १०९:
निसी. ९९ :
भग. ४०७,५२०:
बुह. ३९,४१,४५,४६.१३५:
वव. १९९:
दसा. ४:
विहारभेय [विहारभेद] शास्त्रोत मर्याधानं उलंघन
गच्छा. १३२:
विहारि [ विहारिन्] विहार डरनार
आया. १७०:
उत्त. ४८५ :
fafe [fafer] falu, aa, uala, usız, Ĥe, शास्त्रोत मर्यादा, उपाय, निरुपए, स्थन, विधान, परिपाटी, उभ, भाग्य, खाज्ञा
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आया. २८७,३०३.३१७.३३४: सूय. ६६७,६७०,६७१.७७२ : ठा. ३०१:
नाया. २७.१९१.१९९,२११:
भग. ३१६.८१९:
उवा. ८:
उव. ३१: राय. ४२; जीवा. १८०, १८५,२६७.३६१:
आगम
पहा. ११,१६,२१:
पन्न. २१८, ५०९;
जंबू. ६४:
भत्त. २०,२६,४५, ४७,८३,१७३:
गच्छा. १५:
दसा. ९९ :
उत्त. ९७५, १०९९:
दस. १७८; नंदी. १६२;
अनुओ. २३३, ३४६:
विहि [वि + धा] धाराएंग अनुओ. २५३;
विहिंस [विहिंस] हिंसा 5वी ते, भारते
सूर. १६०:
चउ. ४;
पण्हा. १२:
उत्त. ११६:
विहिंस [वि + हिंस] भारवु, हिंसा रवी
आया. १५, १७,२४९: सूय. ६०२; सम. ८२:
भग. ३३१:
दसा. ७२:
उत्त. १३६:
विहिंसग [ विहिंसक] [हिंसा डरनार, जुनी
गच्छा. १०;
विहिंसण [विहिंसन] [हिंसा, ताउन
उत्त. १८८ :
पण्हा. ८:
विहिंसत [विहिंसत] [हिंसा रवी ते, भारते
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दस. २५२,२५५,२६६.२६९:
विहिगइअ [विधिगतिक] भर्याछा अनुसार गमन
કરનાર
ओह. ९१४ :
विहिष्णु [विधिज्ञ] विधिने भएगनार
जंबू. ६९:
विहिपरिहरणा [विधिपरिहरणा ] विधिनो त्याग पिंड. २२३:
विहिपुच्छा [विधिपृच्छा ] विधिपूर्वः पृथ्छ। ओह. १४७
विहिभिन्न [विधिभिन्न ] विधिथी अलग, विधि लेह
बुह. ५:
विहिभूत [ विधिभूत] विधि३५
ओह. ९१४,९२०:
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