________________
(सुत्तंकसहिओ)
૧૯૧
विमोयणा [विमोचन] ओ विमोयण' | निसी. ७२०,७२१: उत्त. १७२६: उत्त. ११८५;
विम्हिय [विस्मित] विस्मय पामेल, आश्चर्ययति विमोयतराय [विमोच्यतरक] ६२ थई श तेवू, થયેલ સાધ્ય થઈ શકે તેવું
पिंड. ५०५: ठा. ६८:
विय व्यय व्यय थयोते, नाशपामते विमोह [विमोह] भोऽस्ति, अंधार रहित ____ठा. ५०५:
आया. २४०.२६४; ठा. ८०१; विय [व्यक्त] स्पष्ट, प्रगट उत्त. १५४:
दस. ३९९; विमोह [वि + मोहय भी ७५ववो, भुघ२|| वियंग [व्यङ्गय] विsairanj भग. ४८२;
नाया. १४९,१५३; विवा. १३: विमोहण [विमोहन] व्यामोड, विषयासहित वियंगित व्यङ्गित] विsain राये भग. ६०२:
पण्हा . १५: विमोहायतण [विमोहायतन] अंधा२२हित ५२- || वियंगिय [व्यङ्गितमो ७५२' નિવાસસ્થાન
पण्हा . ८; आया. २२८,२३०.२३५,२३९:
वियंगेत्ता [व्यङ्ग्य] विseinशने सम. १२;
विवा. १३: विमोहिता विमोह्य भोई ५मीने वियंजिय [व्यञ्जित] 451:२८, २L2 ४२८, भग. ४८२
टा. ४५० विम्हय विस्मय] माश्चर्य, विस्मय
वियंतकारय [व्यन्तकारक] अंतिम-तस्या नाया. ८६,८९,९२,१४४,१६२.१६८; કરનાર अंत. १३: विवा. ३३;
सूय. ६४६,६६५: उत्त. ७१७,७२५:
वियंभिय [विजृम्भित] भूलनायेगुं, मुझुप्राट विम्हयकर [विस्मयकर] आश्चर्य ४२नार, विस्मय || થયેલું પમાડનાર
नाया. १११; पण्हा. १५; अनुओ. २१९:
वियक्क वितर्क] तई, वितई, पना, अनुमान, विम्हयकारि [विस्मयकारिन्] आश्चर्य ४३, | મીમાંસા, વિચારણા, વિકલ્પ વિસ્મયકારી
सूय. ४८.७५६: आउ. ११: सम. २२६;
| वियका [वितर्क] स्वमति ८५ना, पोगविम्हाव [वि + स्मापय] विस्मय ५usj, आश्चर्य-|| કલ્પિતતા ચકિત કરવું
सूय. ४८: निसी. ७२०; .
|| वियक्खण [विचक्षण] शपहोशीयार, वियक्ष, विम्हावण [विस्मापन] आश्चर्य उत्पन रावते || બુદ્ધિમાન भग. ६२७; उव. ५०
भग. ४६४: विम्हावेंत [विस्मापयत्] विस्मय पाम ते, दस. १००.२२८.३६४: આશ્ચર્યચકિત થવું તે
उत्त. ७८८,१०१७.१०२३:
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org