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विण (न) यपरिहिण [ विनयपरिहिन] विनय रहित, વિનય વિનાનું
आव. २९:
विण (न) यमूलय [ विनयमूलक ] विनय हेनुं भूज છે તે ધર્મ
नाया. ६७;
विण (न) संपण [ विनयसम्पन्न] विनय सहित, વિનયયુક્ત
ठा. ७०९,९२८:
उवा. २:
उव. १६;
राय. ५३:
विण (न) यसमाहि [ विनयसमाधि] 'हसवेयासिय'
સૂત્રનું એક અધ્યયન
दस. ४१५, ४७१,४७३: विण (न) यसुद्ध [ विनयशुद्ध] ज्ञान-दर्शन-यारित्र શુદ્ધ
ठा. ५०९:
विण (न) सुय [विनयश्रुत] उत्तर४ए।' सूत्रनुं એક અધ્યયન
सम. ११२:
उत्त. १:
विण ( न ) यहीन ( विनयहीन] अविनयी, विनय
રહિત
आव. २१:
विणस्स [वि + नश्] नष्ट थयुं, विध्वस्त थ
आया. ८२,८५:
सूय. १६.८१ :
उत्त. ३७५, ११७२:
ठा. ६१६:
अनुओ. १७५: विणस्समाण [ विनश्यत् ] नाश पावंते, विध्वस्त
થવું તે
उवा. ४६:
विणा [विना ] विना, सिवाय
भग. ३६४:
तंदु. १९ :
विणा (ना) स [विनाश] नाश, ध्वंस
सूय. ८,१२.६४२:
नाया. १४२:
पण्हा. ६.२३:
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भत्त. ७८.
उत्त. ४१३.१०७८:
आगमस कोसो
सम. २२७:
अंत. २०: विवा. १५.३१:
पन्न. १६२:
भत्त. १२०:
उत्त. १२७०,१२८३, १२९६,१३०९,
१३२२.१३३५:
अनुओ. २१५,२१६;
विणा (ना) सण / विनाशन] नाश रेल, ध्वंस रेल
भग. ६४०.६४२:
राय. ६,१०,४२:
जंबू. ७७,८१,२१७;
पण्हा. ११: जीवा. १७९ :
दस. ३८८:
उत्त. ८१४.१४५५;
par (ना) सणक [विनाशनक] विनाश } ध्वंस
કરનાર
पण्हा. ३३;
विणा (ना) सणकर [विनाशनकर] दुखो 'उपर '
नाया. १७६:
विणा (ना) सण ( विनाशिनी] विनाश के ध्वंस કરનારી
नाया. ६५:
विणा (ना) सयंत [ विनाशयत्] विनाश } ध्वंस કરવો તે
सूय. ३८९:
विणा (ना) सिय/विनाशीत ] विनाश हे ध्वंस रेल पिंड. २१६: विण (नि) उग [ विनियुक्तक ] अर्थमां प्रवर्तेल
पण्हा. ३९:
नाया. २१:
विणिक्कस [विनिष्कास्य] जहार डाढीने
सूय. ३२१:
विणिगृह [ वि + नि + गूह] गुप्त राजवं
दस. १९६:
विणिग्गमंत [विनिर्गच्छत्] जहार नीक्ष्णवं ते जंबू. ८१ : विणिग्गय [विनीर्गत ] जहार नीडजेस
भग. ४६४:
नंदी. ७:
नाया. ३१,१११.१४५ : अंत. १३: विणिग्गह [ विनिग्रह ] ४न्द्रियोनो विशेष ३ये निग्रह કરવો
भग. ९६५:
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उवा. २१:
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