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(सुत्तंकसहिओ)
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ओह. ३०
वर विरय्] वानी ४२७४२वी
जीवा. २७३; सूर. ३८,१७८ः वर [पर अन्य, बीटी
उत्त. ४६३; वर [वरका मालि। रत्नजित पत्र,
पन्न. ७९; वर [व] वस्तूं, संबंध ४२वो, isg, यायना२खी
नाया. ८६.१४८,१६२,१६८ः विवा. ३३,३४: वरंग [वराङ्ग]
जीवा. १६९: वरकणगणिहस [वरकनकनिकष] उत्तम सुवानी કસોટી
पन्न. ४६४ः वरकहा [वरकथा] उत्तम था
पण्हा. ४३: वरग [वरका भाशिरत्न ४ति पात्रो
आया. ३९६; भग. ३०२: नाया. २२०; जंबू. ३७;
पुष्फ. ३: वरगइ विरगति उत्तम गति, मोक्ष
उत्त. १५२७,१५३१: वरगंध [वरगन्ध] उत्तम सुगंध
पन्न. २०३,२०५,२१७: वरगंधधर [वरगन्धधर] उत्तम सुगंधना धार
सूर. ११६: चंद. १२० वरगंधित विरगन्धिक] उत्तम गंधयुत सूर. १९७;
चंद. २०१; वरगय विरगत] उत्तम गमन नाया. ५७,६५,७५,८६.८९,९२,९३,९८, १०३,१०८.११२,१३९,१४४.१४७.१४८,
१५४,१५८.१६२,१७०.१७३ थी १७६; जंबू. ५६,६०.६१,६७,७३ थी ७८,१०३,
१२१.१२२,१२५,२२९: वरचंपग वरचम्पक]२।४यंपो जंबू. ५५:
वरट्ट विरट] धान्य विशेष ___ठा. ६७३; वरण [वरण] सेतु, पाण, १२वुत, अनामनो આર્યદેશ
पन्न. १७०: वरत्ता वरत्रायामानी रस्सी
भग. ४२४: पण्हा. १६: विवा. २९: वरदंसि [वरदर्शिन्] व शनी सम. ८६; __दसा. ७६;
उत्त. १०७७,१०८२: वरदाम [वरदामा समुद्र नारानु तीर्थ टा. १५०
राय. ४२; जीवा. १७९; जंबू. ६७,६८.७२,७३,२४९ः वरदामतित्थकुमार [वरदामतीर्थकुमार] १२६मતિર્થનો દેવ
जंबू. ७२,७३: वरदामतित्थाधिपति [वरदामतियोधिपति/१२६/
મતિર્થનો અધિપતિ जंबू. ७३:वरधम्मतित्थमग्ग [वरधर्मतिर्थमार्ग] उत्तम धर्मરૂપી તીર્થનો માર્ગ तंदु. ९९: वरनाण (वरनाण) उवणशान
गच्छा. १२३, वीर. १०; वरपउमकण्णियसंठिय [वरपद्मकर्णिकसंस्थित]
ઉત્તમકમળની કર્ણિકા આકારે રહેલ देविं. ३५: वरपउमगभगोर [वरपद्मगर्भगौर] उत्तमपासमान
શ્વેત देविं. २२४: वरपसण्णा [वरप्रसन्ना मध विशेष
पन्न. ४६५: वरपुरिस [वरपुरुष] उत्तम पुरुष जीवा. १६४:
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