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(सुत्तंकसहिओ)
૪૩૯
मंतक्खर [मन्त्राक्षर] मंत्रना अक्षर, देवाधिष्ठित || पण्हा. ४५; पिंड. २८२; અક્ષર વિશેષ
दस. १७३,१९९; उत्त. २२०; महानि. १३८४;
मंद मन्दबुद्धिवाणो, घी , स्वभावन, मंतगय [मन्त्रगत भत्रमा रहे
અલ્પ, ધેર્યાદિગુણહીન હાથી, ગીતનો એક પ્રકાર सम. १५०
आया. ५०,७४,१५५,१५७,२०२; मंतजोग [मन्त्रयोगमंत्र-तंत्रया
सूय. १०,१४,३५,१६८,१६९,१७१,१७२, नाया. १५१,१६५;
१७५,२०१,२०२,२२५,२२९,२४८,२७७, मंतपय [मन्त्रपद] भंत्रना ५६
३९६,४९०; सूय. ५९९;
ठा. २९५,२९७,३०० मंतपिंड [मन्त्रपिण्ड] मंत्र द्वारा प्रा राये। भग. २४,१००,१७५,२२०,५३३; આહાર, મંત્ર-પિંડ
राय. २३,६८ जीवा. १६४,१८५; निसी. ८५९;
सूर. ३३,१२४; जंबू. ४३,२४०; मंतप्पहाण [मन्त्रप्रधान मंत्र-प्रधान
चउ. ६०
भत्त. ४०; उवा. २;
दस. ७७,४१६ थी ४१८; मंतसाला [मन्त्रशाला] मंत्र साधना स्थल उत्त. २१५,३९८,५६६,११३५; निसी. ५७७;
मंदकुमारय [मन्दकुमारक] नानोमा मंता [मत्वा] मानाने
पन्न. ३७७; आया. ४०ः सूय. १२१;
मंदकुमारिया [मन्दकुमारिका] नानीuest मंताणुओग/मन्त्रानुयोगाभंत्रास्त्र, पा५श्रुत पन्न. ३७७; सम. ६३;
मंदगइ [मन्दगति धीमी गति मंति [मन्त्रिन] मंत्री, अमात्य, साइडर
सूर. १२,३५: चंद. १४,३९; नाया. १५,२५,६६,६८; उव. ९;
मंदगई [मन्दगति धीमी गति राय. ६७,७०, जंबू. ५६,७६; ___ ओह. ४०; मंथ [मन्थामन्थान ६., खयो, उक्लासमुध्धात मंदगति [मन्दगति धीमी गति ક્રિયામાં આત્માના પ્રદેશ શરીર બહાર કાઢી __ भग. १७५; जीवा. ३०७; મંથન આકારેલોકાંત પર્યત વિસ્તારવાતે मंदणुभाव [मन्दानुभाव] शन अनुमाव - ते४, ठा. ७९७; सम. १०
બળ આદિ भग. ४२४: उव. ५४
चउ. ६० पन्न. ६१९:
मंदपुण्ण मन्दपुण्यसत्यपुन्य मंथंतर [मन्थान्तर] भंथन अंतर्गत
पण्हा. १६: वीर. ४३; सम. १०
मंदबुद्धि [मन्दबुद्धि] पशुद्धि मंथरगई [मन्थरगतिभंगतिवाणी
पण्हा. ७,२३ः भत्त. ११६:
मंदबुद्धिय [मन्दबुद्धिक] ५ मुद्धिन मंथु [मन्थु पोरनु यूए, हानी भो
पण्हा . ७ आया. ३२१,३३७,३३८,३६८,३९६;
मंदय [मन्द्रक यातनो ५२
ठा. ४०५:
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