________________
११८ .
आगमसद्दकोसो
पंचजण्ण [पाञ्चजन्य] मे नाम शं५ पंचमा [पञ्चमी] पांयम, पक्षनी पांयमी तिथि नाया. १७६;
भग. ५६९ः जीवा. ४७,७०,८९; पंचजाम [पञ्चयामापांय मानत
सूर. ६८,१०५ चंद. ७२,१०९; सम. ५५:
भग. ९३८,९३९; पंचमासिय [पञ्चमासिक] पांय भास संबंधि, पंचट्ठाण/पञ्चस्थान] पांय स्थान
તપવિશેષ ठा. ५१७;
आया. ३४४: सूय. ६७०; पंचत्थिकाय [पञ्चास्तिकाय] पांय मस्तिय- सम. २०,
मग.११४; 4,104, धर्म, अधर्म, राश
उव. १९; निसी. १३७३,१३७४, भग. ५७५; नंदी. १५७;
१३७८ थी १३८७,१३८९,१३९८, पंचनद [पञ्चनद] पांय नहीनो समूह
१४००,१४१२,१४१९; अनुओ. २४९;
वव. ४,५,९ थी १८; पंचपएसिय [पञ्चप्रदेशिक] पांय प्रशनोबनेलो
पंचमासिया [पञ्चमासिकी/पांयमी भिक्षु प्रतिमा એક સ્કંધ
ठा. ४६२,
दसा. ४८,५०: पन्न. ३६५;
पंचमिया [पञ्चमिका]पायभी पंचमंगल [पञ्चमङ्गल पंयभंस-मरित
___ठा. ६२८; भग. ६५;
अनुओ. १८७: પાંચ, નવકારમંત્ર
पंचमी [पञ्चमी] पांयमी, पक्षनी पांयमी तिथि, महानि. ४४,४९२; पंचमक [पञ्चमक] पांयभी-भी-भु
પાંચમી વિભક્તિ पण्हा. ३७;
जीवा. ७९,९४,१००,१०२,१३१;
जंबू. ६६,७३,८७,९०,९६; पंचमग पञ्चमका हुमो ७५२'
गणि . ४,८,९: वव. २४९; पण्हा. ३५,३८,४३,४५: पंचमय [पञ्चमका हुमो 6५२'
पंचमुट्टि [पञ्चमुष्टि] पांय भुटि-शसोय विशेष
अनुत्त. १०ः ठा. ४८४:
नाया. ७५; पंचमसर [पञ्चमस्वरसात स्वरभानोपायमो स्वर
पंचमुट्ठिय [पञ्चमुष्टिक]ओ 6५२' आया. ५३२:
भग. ४६२,४६५. टा. ६२०;
५०८.५२८,५८७,६७६: पंचमसरमंत [पञ्चमस्वरवत्]पांयमस्वरथी युत
नाया. ३५,६५.६८.१०६,२१६: __ अनुओ. १८०;
अंत. २०,२७: जंबू. १२५; पंचमहन्भूइय [पञ्चमहाभौतिक] "पांच महाभूत
पुष्फि . ८; સિવાય જુદો આત્મા નથી” – એમ માનનાર
पंचय [पञ्चक] पंय, पायनोसमूह એક નાસ્તિક મત
पन्न. ५४०.५४१: सूय. ६४२:
पंचयण्ण पञ्चजन्य शंप पंचमहब्वइय [पञ्चमहाव्रतिक] समय
नाया. १७७ મહાવ્રતવાળો
पंचराइय [पञ्चरात्रिक] पांय रात्रिनो अभियाइभग. ९८,२६७,४५९,७९४:
વિશેષ, પાંચ રાત્રિ રહેનાર पंचमहाभूतिय [पञ्चमहाभौतिक] ठुमो |
जंबू. ४४; 'पंचमहब्मूइय'
पंचराय [पञ्चरात्र] पांयरात्री पण्हा. ११:
आया. ४८०,४८६:
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org