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(सुत्तंकसहिओ)
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अंत. १३;
पण्हा. ८,१६,३८; | दुन्भिक्ख [दुर्भिक्ष] देशमा मिक्षा न भवती विवा. ३१; उव. ६;
હોય તેવો દેશ કે કાલ, દુષ્કાળ राय. ४८,६९; जीवा. १०५; ठा. १४३,४५०,४५१; जंबू. ४९; . तंदु. ५४,७१, सम.११०
उव. ६; गणि. ३,२०;
बुह. ९८,१३६; राय. ४८; जीय. ६५;
उत्त, १०६६; महाप. ३५; अनुओ. ३०७; दुब्बलक्खीर [दुर्बलक्षीर] पातणीपीर | दुभिक्खबहुल [दुर्भिक्षबहुल]हुडानीबgeता पिंड, ४५१;
जंबू. ११; दुब्बलय [दुर्बलक] हुणो, सुओभण दुभिक्खभत्त दुर्भिक्षभकता हुआनमाणे भरता
अनुओ. २३०; લોકોને આપવાનો ખોરાક दुब्बलिय [दुर्बलिक गिता
ठा. ८७२;
नाया. ३३; आया. ४५६;
अंत. १३;
उव. ५०; दुब्बलियत्त [दुर्बलिकत्व] fauj
निसी. ५८५; भग. ५३६;
दुभिक्खमयग [दुर्भिक्षमृतक] हुथी भरेला दुब्बल [दौर्बल्य] हुर्मता
उव. ४४; नाया. ६१;
दुन्भिगंध [दुर्गन्ध] दुध, हुधिवाणु दुब्बोल [दे.] 64म, 6481
आया. ४७३,४८१,४८६; महानि. १३८२;
सूय. ३२६,६४१,६६८; दुब्भग [दुर्भग] नाम भनी में प्रकृति-ठेन। ठा. ४७,२३५; सम. २३४,२३७; ઉદયથી જીવ દુર્ભાગી બને
नाया. ८५;
विवा. ६; सूय. १७०; पण्हा. ४३;
राय, ७; दुब्भगनाम [दुर्भगनामन्] सो ७५२' जीवा. ५,१४,८७,१८५,३०६; सम. ६२;
पन्न. १३,१९५,१९६,३०८,३०९,३२४,३९१, दुब्भगाकरा [दुर्भगाकरा] हुर्भानावनारी- ४६६,५५२,५५४,५५५; વિદ્યા વિશેષ
जंबू. २१४ सूय. ६६२;
निसी. ८७८ थी ८८१,१३०७ थी १३१०; दुब्भासिय [दुर्भासित भयोग्य वयन, ५२राम दसा. ३५; બોલવું તે
उत्त. १४८१; अनुओ. १५१; जीय. १३;
दुन्भिगंधत्त [दुर्गन्धत्व हुय५j दुभि [दुर] ५२२, अशुभ, अनिष्ठ भग. ७०२, जीवा. ३०६; आया. १९७,२९६,३८६;
| दुन्भिगंधिय [दुर्गन्धिक] हुधवाणु सूय. ४८६; नाया. १४४; पण्हा. ४५; पण्हा. ४५;
पन्न. ४१२,५४१ | दुन्भिसद्द [दुःशब्द अशुभ श६ निसी. १०१; उत्त. १४९२;
ठा. ४७;
जीवा. ३०६;
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