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[सुत्तंकसहिओ]
'जायामायावत्तिय'
सूय. ६६८,६७०, ६८७;
जायित्ता [ याचित्वा ] यायना ने मांगीने
अंत. १३;
जार [जार] उपपति, मशिनुं खेड लक्षए। जीवा. १६४;
राय १५; जंबू. २२८; जारापविभत्ति [जारकप्रविभक्ति] खेड देवता
નાટક
राय. २४;
जारिस [ यादृश] ठेवुं ठेवा प्रारनुं
9
सूय. ३४९;
पण्हा. ४;
सम. २२५; राय. ७४;
उत्त. ६८७,१०६६, १०७४; जारिसय [ या शक] दुखो उपर
भग. १५६,१७५, ३६६,६३९; नाया. ८६,९२,१७५, १७६, पण्हा. ४;
राय. ७४;
तंदु. ८५; उत्त. १३९४ थी १३९८ : जारिसिया [याशी] ठेवी ठेवा प्रहारनी
नाया. ८८,९०, ९२;
जारु [जा] जे साधारण वनस्पति
भग. ८३०;
पन्न. ८४; जाल [ जाल ] भाछला पडवानी भज મૃગાદિને પકડવાનો પાશ, એક જાતનું पगनुं घरे, भजी, સમૂહ
भग. ४६०, ४६४;
सम. २४१;
नाया. १२, १५, २७, ८५, १४३;
उवा. ११,४५; विवा. ६,३२;
पण्हा. ८,१७,२०;
उव. १०,३१;
जीवा. ९८, १८५;
राय. १४, १५, पत्र. ३७७;
जंबू. ५६, ६१, ७२,७३,९०, १२१, २२७;
दसा. ९९;
उत्त. ४७६, ४७७, ६७९, १२५५; जाल [ ज्वाला ] rवासा, અગ્નિશાખા
ठा. ४८२;
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नाया. ३७,१६३;
पण्हा. ८;
जालंतर [ जालान्तर ] भजी जारी वय्येनुं अंतर
नाया. २७,९१,९३; राय. २९; जीवा. १६८; पन्न. २२५;
जालंधर [ जालन्धर] खेड गोत्र - विशेष
दसा. ५३;
जालंधरायण [ जालन्धरायण] भेना मध्य ભાગમાં રત્ન છે તેવી બારી
आया. ५१०;
जालकडग [जालकटक] भजनो समूह जीवा. १६७;
राय. २९;
जालकSA [जालकटक] दुखो '५२' जीवा. १६२;
जालग [जालक] भजी, जारी, पगनुं घरेणुं, એક બેઇન્દ્રિય જીવ
पण्हा. ४५;
उत्त. १५९३;
जालगंठिया ( जालग्रन्थिका ] भजनी गांठ
भग. २२३;
जालघरग [ जालगृहक] भजीवाणुं घर
राय. ३२:
जंबू. ३३;
जालघर [ जालगृहक] दुखो 'उपर '
૩૧૯
जीवा. १६४, १६५;
नाया. ५८,८५,९३;
जालपंजर [ जालपञ्जर] गोज
राय. २७;
जालय [ जालक ] दुखो 'जालग'
जीवा. १६७;
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पण्हा. ७;
जालबंद [ जालवृन्द] गोजनो समूह
जीवा. १८५;
जालहरय [ जालगृहक] भजीवाणुं घर उव. ३;
जाला [ ज्वाला] वाला, अग्निशिया, खेड વિશેષ નામ
सूय. ६१४;
सम. ३१५;
भग. १७२,६२५,६२६, ६५८;
ठा. ७०२;
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