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पघोसिय]
पघोसिय, त्रि० ( प्रघोषित ) घोषित किया हुधा. उच्च स्वर से प्रकाशित किया हुआ. Declared; announced ; proclaim - ed. भवि०
पचकमावण, न० ( प्रचक्रमण ) पांव से संचारण; पांव से चलाना. Moving or going about; walking. श्रोघ ० १०५ टी०
फैलाव
( ३८८ )
पचार. पुं० ( प्रचार ) विस्तार Prevalence. मोह० २०;
पत्रिय. त्रि० ( प्रचित) समृद्ध. Prosperous; flourishing. स्वप्न० ६१; पचुन्निय. त्रि० ( प्रचूर्णित) चूर चूर किया हुआ. Pounded; pulverized; shattered to pieces. सुर० २,८७; पचेलिम. त्रि० (पचेलिम ) पक्क; पका हुआ.
Ripe; cooked. सुपा० ८३; पच्चगिरा. स्त्री० ( प्रत्यङ्गिरा ) विद्यादेवीविशेष. Goddess of the science of magic. सुपा० ३०६;
पच्चंत पुं० ( प्रत्यन्त ) अनार्य देश. An
Anaryan country. प्रयो० १६; पच्चक्ख. त्रि० ( प्रत्यक्ष ) प्रत्यक्ष ज्ञान का विषय. Perceptible; visible. सुर० ३, २७१;
पच्चग्ग. त्रि० ( प्रत्यग्र ) ( १ ) प्रधान; मुख्य. Chief; principal स० २४; (२) श्रेष्ठ; सुंदर. Beautiful; excellent उप० ६८६ टी; सुर० १० १५२; (३) नवीन; नया. New. पान०
पञ्चड्डित्र. त्रि० (क्षरित) झरा हुआ. Oozed; droped. हे० २, १७४;
पच्चणीय. त्रि० (प्रत्यनीक) विरोधी; प्रतिपक्षी; दुश्मन. Hostile; Inimical. उप० १४६ टी; सुपा० ३०७,
पच्चत्त. त्रि० ( प्रत्यक्त ) जिसका त्याग करने
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[ पञ्चवाय
का प्रारम्भ किया गया हो वह Began to abandon उप० ८२८;
पच्चत्थरण न० ( प्रत्यास्तरण ) बिछौना. Beding. पि० २८५;
पच्चत्थि. त्रि० ( प्रत्यर्थिन् ) प्रतिपक्षी; विरोधी; दुश्मन. Hostile; opposed; inimical. उप० १०३१ टी पात्र० कुप्र० १४१; पञ्चद्ध. न० ( पश्चार्ध) पिछला प्राधा; उत्तरार्ध. The latter half. गउड० पच्चद्धचक्कवट्टि पुं० ( प्रत्यर्धचक्रवर्तिन् ) वासुदेव का प्रतिपक्षी राजा; प्रतिवासुदेव. Prativasudeo. ती० ३; पञ्चमास. पुं० ( प्रत्याभास ) निगमन; प्रत्युच्चारण Quotation of a word or the word quoted. विशे० २६३२; पञ्चभिजाणि त्रि० ( प्रत्यभिज्ञात) पहिचाना हुआ. Recognised. स० ३६०; पञ्चभिणाण न० ( प्रत्यभिज्ञान ) पहिचान.
Recognition. स० २१२; पच्चय. पुं० ( प्रत्यय ) (१) प्रतीति; ज्ञान; बोध. Knowledge; cognition. उव० विशे० २१४०, ( २ ) निर्णय; निश्चय. Determination. विशे० २१३२; (३) ज्ञान का विषय; ज्ञेय पदार्थ. Object. राज ० (४) शब्द श्रावाज. Sound; Word. (५) छिद्र, वित्रर Hole; (६) आधार; श्रश्रय, Support; Prop. हे० २, १३; पच्चवत्थय. त्रि० ( प्रत्यवस्तृत ) (१) बिछाया हुआ. Spread. (२) श्राच्छादित, Covered; concealed. श्रावम०
पच्चवत्थाण, न० ( प्रत्यवस्थान ) प्रतिवचन; खण्डन. Refuting ( in argument ). बृह० १;
पञ्चवाय. पुं० ( प्रत्यवाय (१) पाप. Sin. सुपा० १६२; (२) दुःख, पीड़ा. Pain; affliction. कुप्र० ५५२;
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