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________________ ] ( ३१७ ) [ शिद्दाश्र शिरण त्रि० (निर्नष्ट) नाश प्राप्त Ruined; णित्थारग त्रि० ( निस्तारक) पार जाने वाला; पार Perished सुर० ६, ६२; उतरने वाला. One who carries to a गिरणय. पुं० ( निर्णय ) (१) फैसला. successful termination. स० १८३; Judgment; Verdict सु० च० ६, ६, शित्थिराण - गित्थिन्न. त्रि० ( निस्तीर्ण) उत्तीर्ण; (२) निश्चय; श्रवधारण. Ascertainment; Decision. हे०१, ६३; पार-प्राप्त. Crossed; Penetrated स० ३६७; गिरणास. पु० ( निर्णाश ) विनाश. Ruin; शिदरिसिय. त्रि० (निदर्शित) उपदर्शित; बतDestruction. भवि० लाया हुआ. Shown. धर्मसं० १०००; शिदाह. पुं० ( निदाघ ) तीसरे नरक का एक नरक स्थान. An abode of the third hell. देवेन्द्र० ८; शिदाह. पुं० ( निदाह ) असाधारण दाह. गिरणासिय त्रि० ( निर्णासित ) Ruined; Destroyed. सुर० ३ २३१, भवि० गिरिण६. त्रि० (निर्निद्र) निद्रा रहित Sleep less. गा० ६५६; Extreme heat. श्राव० १; गिरणी त्रि० ( निर्णीत ) निश्चित; नक्की किया हुआ. Determined; Resolved. श्रा० १२; गिदेस. पुं० (निदेश) श्राज्ञा, हुक्म. A com - mand; An order. कुप्र० ४२६; रिपुराण. त्रि० ( निम्नोन्नत ) ऊँचा - नीचा; शिदेसि त्रि० ( निदेशित ) ( १ ) प्रदर्शित. विपम. Uneven श्रभि० २०६; गिरोह. त्रि० (निःस्नेह ) स्नेह - रहित, Desti - tute of affection. हे० ४,३६७; सुर०३, २२२; महा० Shown. (२) उक्त; कथित. Said. पउम ० ५, १४५; दिभाण न० ( निद्राध्यान ) निद्रा में होता ध्यान; दुर्ध्यान-विशेष. Meditating in the sleep. श्राउ० दि. त्रि० (निर्द्वन्द्व ) द्वन्द्व रहित; क्लेश वर्जित, Dual सुपा० ४५५; णितुडि. त्रि० ( नितुडित ) टूटा हुआ; छिन्न. Broken. अच्चु० ५४; शित्तम. त्रि० ( निस्तमस्) (१) अन्धकार रहित. Destitute of darkness. (२) श्रज्ञान रहित. Devoid of ignorance. श्रजि०८; शितिंस. त्रि० ( निस्त्रिंश) निर्दय; करुणा रहित. भि. त्रि० (निर्दम्भ) दंभ रहित; कपट रहित, Candid; Not hypocritical. सु० च० १४७; हिला. न० (निर्दलन ) (१) मर्दन; विदारण, Destroying; Devastating. ( २ ) त्रि० मर्दन करने वाला. A destroyer. वज्जा० ४२; शिद्द लि. त्रि० (निर्दलित) मर्दित; विदारित. Besmeared. पाथ० सुर० १, २२२; सार्धं ० ७६; गिद्दा, त्रि० (निद्रात) जो नींद में हो. One who is sleeping. से० १, ५६; गिद्दा . त्रि० (निर्दाव) अग्नि रहित. Fireless. Merciless; Cruel, सु० च० ३१५; शित्तल. त्रि० ( निस्तुल) निरुपम, असाधारण. Uncommon. उप० पृ० ५३; शित्तल न० ( निस्तुल ) असाधारण रूप से. Uncommon in beauty. सु०च० ३४५; त्थिा. न. ( निस्तनन) विजय सूचक ध्वनि. A sound signifying success. सुर० २, २३३; पित्थाम. त्रि० ( निःस्थामन् ) निर्बल; मंद. Weak; Feeble. सु० च० ४८६; Jain Education International For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016017
Book TitleArdhamagadhi kosha Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnachandra Maharaj
PublisherMotilal Banarasidas
Publication Year1988
Total Pages897
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi, Gujarati, English
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size22 MB
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