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________________ भूतदेव भदज्ञान - निक्षेप (ज्ञायक शरीर) २.५६५ अ। भूमि -३.२३४ ब, गणित २ २२६ ब, ३ २३० ब, दर्पण भूतग्राही ज्ञान-अवधिज्ञान १.१६७ ब, केवलज्ञान २.१४८ तुल्य (अहंतातिशय) १.१३७ ब । ब, २.१४६ ब, २.१५१ ब, मनःपर्यय ज्ञान ३२६३ भूमिकल्प-३२३६ ब, इद्रनदि १.२६९ ब । अ, श्रुतज्ञान ४.६० ब । भूमिका-दे० गुणस्थान। भूतग्राही नय-नय २.५२२ अ। भुमिकुडल-३.२३६ ब । भूतज्ञायक शरीर-उपशम १.४३७ अ, निक्षेप २.५६६ अ । भमितिलक-३२४७ ब, ३२३६ ब । भूतदेव-हरिव १.३४० अ। भूमितड-विद्या ३.५४४ अ, विद्याधर नगरी ३.५४५ ब, . भूत नंगमनय-नय २.५३० अ। विद्याधरवंश १३३६ अ। भूतपूर्व नय २ ५२२ अ । भूमिधन-गणित २.२३० ब'। भूतपूर्व न्याय-नय २.५२२ अ। भूमिनाश-प्रलय ३ १४७ ब । भूतपूर्व प्रज्ञापन नय-नय २५२२ अ । भूमिपाल-तीर्थकर वीरसेन २.३६२। भूत प्रज्ञापन नय-नय २५२२ अ । भमिमंडल-विद्याधर नगरी ३.५४५ ब । भूत भावी उपचार-उपचार १.४२० ब । भूमिमित्र-मगधदेश इतिहास १.३१२ । भूतबली-३२३४ अ, मूलसघ १.३१७, १.३२२ ब, भूमिशुद्धि-३.२३६ ब। १ परि०/२२, कालावधि १. परि०/२.७ विशेष भूमिसंस्तर-सस्तर ४.१५३ अ। विचार १. परि०/२११। इतिहास १.३२८ ब, भूमिस्पर्श-आहारातराय १२६ब। १३४० अ। भूलसुधार - आगम १ २३८ अ, आगमार्थ १.२३२ ब। भूतमुख-चक्रवर्ती ४१५ अ। भूषणगह ज्योतिष देवो के प्रासादो मे २.३५१ ब। . भतरक्ता-व्यंतरेद्र गणिका ३६११ ब । भूषणशाला-भवनवासी देवो के भवनो मे ३२१० ब। भतरमण-भद्र शाल वन का एक भाग-~-निर्देश ३.४५० अ, भूषणांग जाति कल्पवृक्ष-वृक्ष ३.५७८ अ । विस्तार ३.४८८, अकन ३.४४४ के सामने, ३४५७, भृगनिभा-३२३६ ब, सुमेरु की पुष्करिणी-निर्देश । ३.४६४ के सामने । ३४५३ ब, नाम निर्देश ३.४७३ ब, विस्तार ३.४६०, ! भूतवर-३.२३४ अ। ३.४६१, अंकन ३.४५१, चित्र ३.४५१।। भूतवर सागर-द्वीप-निर्देश ३.४७० अ, विस्तार ३ ४७८, भंगा-३२३६ ब, सुमेरु की पुष्करिणी-निर्देश ३.४५३. अंकन ३ ४४३, जल का रस ३.४७० अ, ज्योतिष चक्र ब. नामनिर्देश ३.४७३ ब, विस्तार ३.४३ २३४८ ब, अधिपति देव ३ ६१४ । अकन ३.४५१, चित्र ३४५१ । भूतविषय नय-नय २५२२ अ। भगार-चैत्यचैत्यालय २.३०२ ब । भूतसेन - काष्ठासघ १.३२७ अ । भकूटी-३.२३६ ब, चैत्य-चैत्यालय २३०२ब, तीर्थकर भता-व्यतरेद्र गणिका ३.६११ ब । मुनिसुव्रतनाथ का यक्ष २.३७६ । भूतानद-नागेन्द्र ३.२०८ अ, परिवार ३.२०६ अ, आयु भृत्यवंश-३ २३६ ब, इतिहास १.३११ अ, १३१४ । १.२६५, अवस्थान ३.२०६ ब । भेंडकर्म-कर्म २.२६ अ, निक्षेप २ ५९८ । भतारण्यक वन-३.२३४ ब-निर्देश ३.४६० ब, विस्तार भेद--३२३६ ब, उत्पादादि १.३५६ ब, १.३६१ अ, ३.४८७, अकन ३.४४४ के सामने, ३.४६४ के सामने । उपचार १४१६ अ, द्रव्य २.४५८ अ, २.४६०, पर्याय भूतार्थ-नय २.५६७ ब, मोक्षमार्ग ३.३३६ अ। ३ ४५ ब, वर्गणा ३.५१६ अ, सापेक्ष धर्म (अनेकान्त) भूतोत्तम-३२३४ अ-ब। ११०६ अ, स्कन्ध ४.४४७ अ । भूधरवास-३.२३४ ब, इतिहास १ ३३४ ब, १.३४७ ब। भेदकल्पना-निरपेक्ष-शुद्ध-व्याथिक नय-नय २.५४५ अ।। भूपाल-३.२३४ ब, चक्रवर्ती ४.१० अ। भेदकल्पना-सापेक्ष-अशुद्ध-द्रव्याथिक नय-नय २.५४४ अ । भूपाल चतुर्विशतिका-३.२३४ ब । भेदज्ञान-अनुभव १.८७ अ, ज्ञान २.२६१ ब, प्रज्ञा भूपाल चविंशतिका टोका-आशाधर १.२८१ अ, इतिहास (अनुभव) १.८७ अ, सस्कार (वासना) ४.१५० अ, १.३४४ ब। सम्यग्ज्ञान (ज्ञान) २.२६२ ब, २.२६५ अ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016012
Book TitleJainendra Siddhanta kosha Part 5
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendra Varni
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2003
Total Pages307
LanguagePrakrit, Sanskrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size23 MB
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