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राजस्थान जैन सभा
एक संक्षिप्त परिचय
जैन समाज की सर्वांगीण उन्नति का लक्ष्य गुलाबचन्दजी जैनदर्शनाचार्य द्वारा शास्त्र प्रवचन रखकर वर्ष 1952 में दिगम्बर जैन समाज जयपूर एवं आध्यात्मिक प्रवक्ता पण्डित उत्तमचन्दजी में पथक-पृथक कार्य करने वाली विभिन्न संस्थानों भारिल्ल ने दस धर्मों पर मार्मिक विवेचना की। का एकीकरण कर एक नवीन संस्था का निर्माण आपके अलावा सर्वश्री त्रिलोकचंदजी, निहालचंदजी किया गया, जिसे राजस्थान जैन सभा के नाम से पाण्डया, ताराचन्दजी साह, डा. कस्तूरचन्दजी सम्बोधित किया गया।
कासलीवाल, प्राचार्य प्रकाशचंदजी जैन, ज्ञानचंदजी समाज को रूढियों के प्रपंच से दूर हटाकर
बिल्टीवाला, तेजकरणजी डंडिया, नवीनकुमारजी
बज, कपूरचन्दजी पाटनी, राजकुमारजी काला प्रगतिशील मार्ग का अनुगामी बनाना इसका लक्ष्य
आदि विभिन्न विद्वानों ने विभिन्न विषयों पर है। यह सभा जनमानस को धर्म एवं कर्तव्य की।
विचार व्यक्त किया । श्री राजमल बेगस्या, मोर आकृष्ट करने की दृष्टि से समय समय पर
श्री प्रसन्नकुमार सेठी, श्री दासूलाल छाबड़ा, व्याख्यानों का प्रायोजन तथा साहित्य प्रकाशन भी
कु. प्रीति जैन, कु. त्रिशला निधि एवं श्रीमती करती है। महावीर जयन्ती स्मारिका इसका एक
निर्मला अजमेरा आदि ने भजन प्रस्तुत किए तथा अनूठा प्रकाशन है। इस स्मारिका को विद्वत् जगत्
दिगम्बर जैन संस्कृत महाविद्यालय, महावीर में संदर्भ ग्रन्थ के रूप में मान्यता प्राप्त है।
दिगम्बर जैन उच्च माध्यमिक विद्यालय, दिगम्बर सभा की मुख्य गतिविधियों में पर्युषण पर्व, जैन पद्मावती कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय, सामूहिक क्षमापन समारोह, महावीर जयन्ती, महावीर दिगम्बर जैन बालिका विद्यालय प्रादि के महावीर निर्वाणोत्सव, मास्टर मोतीलाल दिवस,
छात्र-छात्राओं एवं महिला जागृत संघ एवं वीर विशिष्ट विद्वानों के भाषणों का प्रायोजन, महावीर
महिला संघ की सदस्याओं द्वारा संवाद, एकाभिनय जयन्ती स्मारिका प्रकाशन तथा सामाजिक सुधार गायन प्रादि के रोचक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये । के कार्यक्रम हैं।
मुनिश्री विद्यानन्दजी महाराज की दिल्ली से जयपुर पर्युषण पर्व समारोह :
व गोमटेश्वर बाहुबलि यात्रा की रील जो श्री जनमानस को धर्म एवं कर्तव्य की ओर प्राकृष्ट
सुभाषचन्द जैन जौहरी के सौजन्य से प्राप्त हुई थी
का प्रदर्शन भी किया गया। करने हेतु भाद्रपद शुक्ला पंचमी से चतुर्दशी तक बड़े दीवानजी के मन्दिर प्रांगण पर उस पर्व का सामूहिक क्षमापन समारोह : प्रायोजन किया जाता है।
पर्दूषण पर्व की समाप्ति पर पासोज बुदी गत वर्ष इस अवसर पर प्रतिदिन पण्डित दोज को प्रातः रामलीला मैदान पर इस समारोह
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