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अपभ्रंश एवं हिन्दी जैन साहित्य में शोध के नये क्षेत्र
७. १६वीं शताब्दी के हिन्दी जैन कवि ८. हिन्दी के जैन रूपक काव्यों का आलोचनात्मक अध्ययन ९. कविवर बूचराज-व्यक्तित्व एवं कृतित्व १०. हिन्दी के जैन कवियों की बावनियों का उद्भव एवं विकास ११. कविवर ठक्कुरसी–व्यक्तित्व एवं कृतित्व १२. ब्रह्म रायमल्ल की रचनाओं का सांस्कृतिक अध्ययन १३. भट्टारक रतनकोति--व्यक्तित्व एवं कृतित्व
४. जैन संत कुमुदचन्द्र--व्यक्तित्व एवं कृतित्व १५. नेमि राजुल साहित्य-एक अध्ययन १६. भट्टारक यशोधर ---व्यक्तित्व एवं कृतित्व १७. महाकवि बनारसीदास--व्यक्तित्व एवं कृतित्व १८. समयसार नाटक का आत्म दर्शन १९. कविवर रूपचन्द- व्यक्तित्व एवं कृतित्व २०. हिन्दी गद्य लेखक--पाण्डे राजमल्ल २१. १७वीं शताब्दी के हिन्दी गद्य निर्माता २२. बनारसीदास एवं उनके समकालीन कवि २३. भैया भगवतीदास--व्यक्तित्व एवं कृतित्व २४. पंडित भगौतीदास--व्यक्तित्व एवं कृतित्व २५. कविवर आनन्दघन - व्यक्तित्व एवं कृतित्व २६. महाकवि समयसुन्दर के काव्यों का अध्ययन २७. पार्श्वपुराण का सांस्कृतिक एवं तात्विक अध्ययन २८. महाकवि भूधरदास के पदों का सांस्कृतिक विवेचन २९. कविवर द्यानतराय- व्यक्तित्व एवं कृतित्व ३०. बारह खड़ी साहित्य ३१. गद्य पद्य निर्माता--महाकवि दौलतराम कासलीवाल ३२. दौलतराम कासलीवाल के काव्यों का सांस्कृतिक अध्ययन ३३. हिन्दी गद्य साहित्य के विकास में महाकवि दौलतराम का योगदान ३४. किशनसिह-व्यक्तित्व एवं कृतित्व ३५. कविवर खुशालचन्द काला व्यक्तित्व एवं कृतित्व ३६. जैन हिन्दी पुराण साहित्य--सांस्कृतिक अध्ययन
परिसंवाद-४
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