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नमः श्री वर्द्धमानाय निर्धूतकलिलात्मने । सालोकानाम् त्रिलोकानाम् यद्विद्या दर्पणायते॥
श्री वर्द्धमान स्वामी को नमस्कार हो, जिन्होंने समस्त कर्ममल को धो डाला है, एवं जिनके दिव्यज्ञान में दर्पण की भाँति आलोकाकाश सहित तीनों लोक एकसाथ झलकते हैं।
HainEmahiestha