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"नारी की गरिमा नारायण से बढ़कर बतलाई"
भगवान बाहुबली सहस्राब्दी महामस्तकाभिषेक महोत्सव के मध्य श्रवणबेलगोला में दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान के अधिवेशन में साहू श्रेयांस प्रसाद जी जैन अपने विचार व्यक्त करते हए. मंच पर बैठे हैं श्री रमेशचंद जैन, पी.एस. जैन मोटर्स दिल्ली, ताराचंद प्रेमी, श्री अमरचंद पहाड़िया, श्री पूनमचंद गंगवाल, श्री उम्मेदमल पांड्या, श्री पन्नालाल सेठी, श्री त्रिलोकचंद कोठारी, श्री हरखचंद सरावगी, श्री माणिकचंद गांधी, श्री सरसेठ भागचंद सोनी, श्री निर्मल कुमार सेठी आदि तथा अपना आशीर्वाद देने पधारे थे आचार्यरत्न श्री विमलसागर जी महाराज, आचार्य सीमंधर सागर जी महाराज, स्वस्ति श्री भट्टारक जी एवं अनेक त्यागीगण-२३ फरवरी, १९८१ ।
जम्बूद्वीप स्थल पर १० मई, १९८२ रत्नत्रयनिलय का शिलान्यास करते हुए लाला उग्रसेन हेमचंद जैन, नई दिल्ली।
यादव अर्यिकार
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श्रीजामती माताजीकावा जन्मदिवसलाके
शरद पूर्णिमा-८-१0-7000
माताजी का ४३वां जन्मजयंती समारोह खतौली में ८.१०.१९७६ ।
हस्तिनापूर तीर्थक्षेत्र कमेटी के महामंत्री श्री सुकुमार चंद जैन पूज्य माताजी से चर्चा वार्ता करते हुए
तीर्थकर मासिक पत्रिका के संपादक श्री नेमीचंद जैन, इंदौर पूजन के विषय पर पूज्य माताजी का साक्षात्कार कर रहे हैं।
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