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"जिनकी प्रेरणा वरदान बन गई"
दिनांक १२.२.७६ को हस्तिनापुर में सुमेरु पर्वत की नींव में लगाए गए भारी लौह जाल का अवलोकन करती हुई पूज्य माताजी।
सन् १९७९ में सुमेरु पर्वत की चोटी पर पहुँचने के लिए आधुनिक शैली में बनाई गई ऊँची मचान का एक दृश्य ।
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