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"युग की प्रथम साहित्य निर्मात्री"
सन् १९७४, लालमंदिर दिल्ली में आचार्यश्री धर्मसागर महाराज संघ के साथ चातुर्मास स्थापना करती हुई पूज्य माताजी।
सन् १९७४ जैन बालाश्रम दरियागंज दिल्ली में अष्टसहस्री ग्रंथ का विमोचन करते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल श्री कृष्णचंद्र जी। उन्हें ग्रंथ भेंट किया ग्रंथ के द्रव्य प्रदाता श्री सुरेन्द्र कुमार रानीवाला । बाई तरफ बैठे हैं-राज्यपाल श्री जयसुखलाल हाथी एवं पीछे दिख रहे हैं-श्री प्रेमचंद जैन होटल शाकाहार।
विमोचित कृति अष्टसहस्री को आचार्यश्री धर्मसागर महाराज के करकमलों में भेंट करती हुई ज्ञानमती माताजी।
सन् १९७३, जैसिंहपुरा राजाबाजार दि. जैन मंदिर नई दिल्ली में पूज्य माताजी से प्रभावित होकर पधारे श्री कानजी भाई।
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