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________________ श्री शान्तिभाई एक आदरणीय स्नेही हैं । उनके निमित्त हो रहे कार्य में सम्मिलित होने का अवसर आपने दिया उससे बड़ी खुशी होती है । वास्तव में श्री शान्तिभाई स्नेहशील सज्जन हैं । -नटवरलाल ठक्कर, मंत्री, नागालेण्ड गांधी आश्रम, श्री शान्तिलाल वनमाली शेठ अमृत महोत्सव समयोचित है । मैं इसकी पूर्ण सफलता चाहता हूँ । -डॉ० सत्यव्रत, दिल्ली श्री शान्तिभाई के ७५ वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव के आयोजन की सफलता चाहता हूँ मेरी हार्दिक शुभ । मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें । विष्णु प्रभाकर, सुप्रसिद्ध साहित्यकार, दिल्ली श्री शान्तिलाल व० शेठ अमृत महोत्सव का आयोजन समयोचित है । ऐसे विद्वान् का सम्मान होना सर्वथा अभीष्ट है । - गुलाबदास जोकर, सुप्रसिद्ध गुजराती साहित्यकार, बंबई श्री शान्तिमाई के अमृत महोत्सव पर गत ३५ वर्ष के उनके परिचय के आधार पर बड़ा संस्मरण लिखना चाहता या किन्तु निर्बल स्वास्थ्य के कारण शक्य नहीं है। शान्तिभाई जैसा सरल, समाज के प्रति ममता रखनेवाला व्यक्ति ७५ वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है—ऐसा लगता ही नहीं है । मानसिक रूप से वे अब भी 'युवा' ही लगते हैं । चाहे वय वृद्ध हों लेकिन हृदय से वे युवा ही हैं। इस शुभावसर पर मेरी शुभ-कामनाएँ स्वीकार कीजिए । - अक्षयकुमार जैन, सुप्रसिद्ध पत्रकार, नई दिल्ली श्री शान्तिभाई शेठ से मेरा संबंध पारिवारिक संबंध से भी अधिक प्रगाढ़ है । ऐसे सेवानिष्ठ महापुरुष का सम्मान करके हम गुणों का ही आदर करते हैं। मुझे इस समाचार से असीम आनंद मिला है । स्व० बाबा चेतनदास, परम तपस्वी सन्त का यह कुटुम्ब है, जिनके प्रताप से जनपद-मिर्जापुर की प्रचुर सेवा करने का सौभाग्य मुझे भी प्राप्त हुआ है। यह परिवार परम पावन, भारतीयता एवं भारतीय संस्कृति का दर्पण है। जैसे शेठजी है, वैसा ही विनम्र धर्मनिष्ठ और सात्विक उनका सारा कुटुम्ब है। बेटी सौ० दया तो दया की मूर्ति ही है । ― अमृत महोत्सव का यह शुभ अनुष्ठान पूर्णतः सफल होयही अन्तर्भावना | - ब्रजभूषण मिश्र, संपादक, 'प्रामवासी' लखनऊ Jain Education International श्री शान्तिभाई शेठ की संवर्धना समिति की सदस्यता के लिए आभारी हूँ। सहृदयी श्री शान्तिभाई का अमृत महोत्सव सांगोपांग सफल हो-यही भावना । 1 -डॉ० प्रभाकर माचवे भू० पू० मंत्री, साहित्य अकादमी श्री शान्तिभाई शेठ को दी जानेवाली निधि भी पार्श्वनाथ विद्याश्रमको 'सन्मति साहित्य' के निर्माणार्थ सहायतारूप होगी यह उद्देश्य शुभ और अभिनंदनीय है। -श्री पूर्णचन्द जैन, जयपुर श्री शान्तिभाई का सम्मान करना, एक उत्साही कार्यकर्ता और विद्वान् का सम्मान है । पं० शोभाचन्द्र भारिल्ल ब्यावर सामाजिक सेवकों की नजरों में श्री शान्तिभाई को मैं भलीभाँति जानता हूँ । जब अ० भा० श्वे० स्था० जैन कॉन्फ्रेंस, नई दिल्ली के कार्यों में अधिक रस लेता था तब शान्तिभाई का सान्निध्य, सहयोग मुझे सदैव प्राप्त होता रहा। उक्त संस्था तथा अन्य सामाजिक कार्यों के लिए शान्तिभाई का सक्रिय योगदान अविस्मरीय है। श्री सौभाग्यमल जैन, एडवोकेट, शुजालपुर श्री शान्तिलाल भाई शेठ द्वारा जैन समाज की बहुआयामी सेवा सर्वविदित है । मैं विशेषरूप से १९५५ से १९६५ के दिन याद कर रहा हूँ, जब वे अ० भा० श्वे०स्था० जैन कान्फ्रेंस के मंत्री थे और जिनके संपादकत्व में हिन्दीगुजराती पत्र- जैन-प्रकाश' ने बहुत ख्याति अर्जित की थी। ऐसे अजातशत्रु, जैनाकाश के देदीप्यमान नक्षत्र के अमृत महोत्सव का समायोजन जैन समाज करे यह नितान्त उपयुक्त और आवश्यक है। महोत्सव संपन्न करने के आयोजन को हार्दिक बधाइयाँ । - श्री जवाहरलाल मुणोत, बंबई श्री शान्तिभाई की जैन समाज की निष्काम सेवाएँ अविस्मरणीय हैं पर देश के अनेक क्षेत्रों में भी उनकी कार्यसेवाएँ रही हैं। श्री शान्तिभाई का अभिनंदन भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी सिद्ध होगा ऐसा मेरा विश्वास है। - बलवंत सिंह मेहता, भू० पू० संसद सदस्य, उदयपुर श्री शान्तिभाई ने वर्षों पर्यन्त समाज के अनेक सेवाक्षेत्रों में जो अमूल्य सेवा प्रदान की है इसका मैं साक्षी हूँ। मेरा उनके साथ निकट का स्नेह-संबंध रहा है । इनका अभिनंदन, समाज का अभिनंदन है अतः उसका आयोजन सार्वजनिक For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012073
Book TitleShantilal Vanmali Sheth Amrut Mahotsav Smarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania
PublisherSohanlal Jain Vidya Prasarak Samiti
Publication Year
Total Pages148
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size22 MB
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