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साहित्य मनीषी की कीर्ति स्मृतियाँ 54. भाव भावना और प्रभावना 55. मानव जीवन का महत्व 56. सार्वभौमिक स्याद्वाद 57. सिद्धि और साधक का महत्वपूर्ण विज्ञान 58. अहिंसा और विश्व शांति 59. शांतिनाथ का शांति संदेश 60. जैन बाड्.मय में पूजा स्त्रोत साहित्य 61. जैन दर्शन में सदाचार 62. संस्कृत साहित्य का इतिहास 63. जैन दर्शन में आध्यात्मिक रत्नत्रय का महत्वपूर्ण कथन 64. जैन दर्शन में आत्मा की मान्यता
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पंडित जी की संस्कृत अभिरूचि - संस्कृत निबंध 1. विश्वतत्त्वप्रकाशकः स्याद्वादः 2. संस्कृत भाषायाः महत्त्वम् व्याकत्वं च 3. संस्कृतभाषायाः महत्वम् 4. गुरू पूर्णिमा वीर शासन जयंती च 5. श्री रक्षाबंधन पर्व विषये निबंध: 6. आत्मशान्ति: विश्वशान्तिश्च 7. उद्योगिनं पुरूषसिंह मुपैति लक्ष्मी: 8. अविचार्य न कर्तव्यम् 9. उदारचरितानांतु वसुधैव कुटुम्बकम् 10. सत्संगति: 11. काव्यस्य आत्मा ध्वनि: 12. ब्रह्मचर्यस्य महत्वम् 13. आचार्य ज्ञानसागरस्य व्यक्तित्वं कृतित्वं च 14. भारतीयदर्शनेषु जैन दर्शनस्य विश्वकल्याण कारकत्वं साधनीयम् 15. जैन दर्शने सर्वज्ञ सिद्धिः 16. आदिकवि: बाल्मीकि: 17. महाकविः श्री कालिदासः 18. महात्मा तिलक महोदय: 19. गीताग्रन्थस्य गौरवगाथा
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