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कृतित्व / हिन्दी
समन्वयशील शासक परम्परा
पुराण और इतिहास कहते हैं कि इस वसुन्धरा पर दश बीस नहीं किन्तु सैकड़ों राजा, सम्राट, चक्रवती आदि शासक अपना धवल यश छोड़ गये हैं जिन्होंने धार्मिकता और राजनीति का मनोज्ञ सामंजस्य कर राम राज्य का आदर्श उपस्थित किया था। उनमें कुछ चमकते हुए हीरे इस प्रकार हैं।
श्री ऋषभनाथ से श्री महावीर पर्यन्त चौबीस तीर्थंकर, भरत आदि 12 चक्रवती, रामचन्द्र आदि नव बलभद्र, लक्ष्मण आदि नव नारायण, श्री बाहुवली आदि 24 कामदेव प्रभृति महापुरुष । भ. महावीर तथा महात्मा बुद्ध के समय से प्रवाहित शासक परम्परा के कुछ देदीप्यमान भूमण्डल के सितारे :
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लिच्छवि क्षत्रिय जैन वीर राजा चेटक, सेनापति सिंह । इक्ष्वाकुवंशी कौशाम्बी नरेश । सूर्यवंशीराजा दशरथ आदि । शिशुनागवंशी - श्रेणिक, विम्बसार, अभयकुमार, कुणिक आदि । मौर्यवंशी - सम्राट चन्द्रगुप्त, अशोक सम्प्रति आदि । चेदीवंशी सम्राट् ऐलखारवेल, सम्राट् महामेघवाहन । आन्ध्रवंशी - सम्राट् विक्रमादित्य, शतकर्णी, हल्ल चालुक्य वंशी - कीर्ति वर्मा, विजयादित्य आदि 16 महाराजा | राठौर वंशी - सम्राट् - अमोघवर्ष, साहसतुंग, कृष्णराज आदि 6 नृप । सोलंकी वीर - भीम, कर्ण, सिद्धराज, कुमारपाल आदि । परिहारवंशी - राजा भोज, तोमर कीर्ति सिंह, ग्वालियर । परमारवंशी - राजा भोज, शुभचन्द्र, यशोवर्मा। बुन्देल वीर - महाराज छत्रसाल आदि । बह्मक्षत्रवंशी महाराज चामुण्डराय आदि । राजस्थान के वीर- दानवीर 1 भामाशाह, विमलशाह तोलाशाह, कर्माशाह, आशाशाह, दयालदास करमचन्द्र आदि । (वीर जैन बीरांक वर्ष 11 ) आधुनिक समस्याओं का समन्वयात्मक समाधान
वर्तमान राष्ट्रों के समक्ष आज कुछ जटिल समस्याएँ हैं जिनका पूर्ण समाधान करने में सभी राष्ट्र झे हुए हैं। अभी तक उनका कोई समुचित समाधान नहीं प्राप्त हो रहा है। विश्व की और विशेषतया भारतीय समस्याओं का समाधान धर्म-तत्त्वों और राष्ट्रीय तत्त्वों के उचित समन्वय से ही सम्भव है । किन्तु इस तथ्य को भुलाया जा रहा है। आधुनिक लोग विज्ञान को वरदान मानकर उसी के सहारे इन समस्याओं को सुलझाने का प्रयत्न करते है। किन्तु जिस विज्ञान ने समस्याओं को उलझाया है वही कैसे सुलझा सकता है ? हम यहां कुछ समस्याएं और उनका समन्वयात्मक समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं जिससे हमारा आशय अधिक स्पष्टता से समझा जा सकता है -
क्रम
1.
2.
3.
4.
राष्ट्रीय समस्याएं
जनसंख्या वृद्वि निरोध
अन्नोत्पादन
देश रक्षा सुवर्ण नियंत्रण
साहित्य मनीषी की कीर्ति स्मृतियाँ
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समन्वयात्मक समाधान
ब्रह्मचर्य व्रत, संयम, श्रृंगार त्याग, परिवार नियोजन । शाकाहार, शुद्धाहार, एकाशन, उपवास, कृषिकला, यन्त्रप्रयोग, वनस्पति उत्पादन, पशुरक्षण आदि । पराक्रम, मैत्रीभाव, पंचशील, शान्तिसेना, सैनिक शिक्षा | परिग्रह परिमाण, सन्तोष, आभूषण श्रृंगार त्याग आदि ।
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