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साहित्य मनीषी की कीर्ति स्मृतियाँ
सम्पादकीय
राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त स्वनामधन्य सरस्वती के वरदपुत्र स्व. डॉ. पं. दयाचंद्र जी साहित्याचार्य प्राचार्य श्री गणेश दिगम्बर जैन संस्कृत महाविद्यालय, सागर (म.प्र.) के व्यक्तित्व एवं कृत्तित्व पर आधारित "स्मृति ग्रन्थ" साहित्य मनीषी की कीर्ति स्मृतियाँ "लोकार्पित करते हुये सातिशय प्रसन्नता एवं आदरभाव की अनुभूति हो रही है। सरस्वती पुत्रों के अभिनंदन ग्रन्थों एवं स्मृति ग्रन्थों के प्रकाशन एवं समर्पण की परम्परा जिनवाणी की सातिशय प्रभावना की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रही है । आर्षमार्गी परम्परा के प्राचीन वर्णीभक्त विद्वज्जनों में स्मृतिशेष पं. दयाचंद्र जी एक जाने-पहचाने हस्ताक्षर थे। उनका सम्पूर्ण जीवन देवशास्त्र गुरु की भक्ति एवं ज्ञानदान प्रभावना में व्यतीत हुआ।"
स्मृति शेष पं. दयाचंद्र जी यथानाम तथा गुणवाले थे। इनका जन्म श्रावण शुक्ला नवमीं बुधवार संवत् 1972 तदनुसार 11 अगस्त 1915 को सागर जिले के शाहपुर (मगरोन) में हुआ था। पिता स्व. भगवानदासजी भाईजी तथा माता श्रीमती मथुराबाई के धार्मिक संस्कारों का प्रभाव आजीवन संस्कारित रहा । पाँचों सरस्वती पुत्र भाईयों में पं. दयाचंद्र जी तीसरे पुत्र थे। पूज्य गणेश प्रसाद जी वर्णी महाराज के शुभाशीष का जीवन पर्यन्त पालन कर अखण्ड ज्ञानज्योति को आलोकित करते रहे । इस स्मृति ग्रन्थ को प्रकाशित कराने में प्रेरणा शुभाशीष पूज्य 108 अजितसागरजी महाराज, ऐलक श्री निर्भयसागर जी महाराज (वर्तमान उपाध्याय निर्भय सागर जी) का रहा है।
पूज्य आचार्य विद्यासागर जी महाराज एवं उपाध्याय रत्न श्री ज्ञानसागर जी महाराज आदि अनेक संतों, भगवंतो, राजनेताओं, विद्वज्जनों, समाजसेवियों, लेखकों, दानदाताओं आदि के शुभाशीष एवं यथाक्रम शुभकामनाओं से यह स्मृति ग्रन्थ प्रकाशित एवं लोकार्पित हो सका। सभी को नमोस्तुमय क्रम से आभार व्यक्त करते हैं। श्री गणेश दिगम्बर जैन संस्कृत महाविद्यालय, सागर की ट्रस्ट तथा प्रबंधकारिणी समिति, श्री दि. जैन पंचायत सभा के अध्यक्ष श्री महेश कुमार जी बिलहरा वालों का विशेष आर्थिक सहयोग रहा है एवं श्री दिगम्बर जैन पंचायत सभा शाहपुर के उदार आर्थिक सहयोग हेतु सम्पादक मण्डल उनके प्रति हार्दिक आभार प्रगट करता है। अन्य सभी दानदाताओं के भी हम अत्यंत आभारी हैं । सम्पूर्ण ग्रन्थ प्रकाशन समिति के संरक्षक, परमसंरक्षक आदि सभी के आभारी हैं। प्रबंध सम्पादिका सुश्री ब्र. किरण दीदी जो स्मृति शेष पण्डितजी की सेवाभावी सुपुत्री हैं, उनके प्रति सादर आदरभाव व्यक्त करते हैं। जीवन पर्यन्त पण्डितजी (पिताजी) की छाया के समान सेवा करती रहीं तथा ग्रन्थ प्रकाशन में अविस्मरणीय कार्य किया, उन्हें नमन।
सभी सहयोगी सम्पादक मण्डल ब्र. रवीन्द्र भैयाजी, ब्र. डॉ. दरवारी भैया, ब्र. राकेश भैया, ब्र. जिनेश
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