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14. आचार्य श्री के आहोर में हुए कार्यों का स्मरण एवं कुछ ऐतिहासिक बातें-मुथा शांतिलाल, आहोर....76 15. मार्गदर्शन मिलता रहे - समस्त ट्रस्टी, श्री मोहनखेड़ा तीर्थ.
तृतीय खण्ड
चिंतन के आलोक में प्रवचन कणिकाएँ 1. जीवन श्रेष्ठ बनाने का उपाय, 2. परहित की सोचें 3. धर्म के स्थायित्व के लिये. 4. धर्म सबका है 5. क्लेश का कारण 6. श्रद्धा का पात्र बनने का उपाय......... 7. सच्चा ध्यान 8. संयम की आवश्यकता.. 9. युवावर्ग और धर्म. 10. रागद्वेष का त्याग करें.. 11. आकुल मत बनो... 12. माता 13. क्रोध का त्याग करें.. 14. मायाचार पतन का मार्ग. 15. माता-पिता की सेवा... 16. जीवन की क्षणभंगुरता 17. मन को पवित्र रखें 18. वैभव से आत्म कल्याण नहीं. 19. ईश्वर को दोष मत दो........ 20. सामर्थ्यानुसार तप करो...... 21. मौन. 22. मृत्यु. 23. विनय.. 24. वाणी.
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