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प्रतिष्ठा
| पू. श्री चर्चा करते हुए बालमुनि श्री प्रीतेश वि. एवं मुनिगण
सं. १९९३ में पावा (राज.) श्री संभवनाथ अंजनशलाका प्रतिष्ठा की यादगार स्मृि
चले समारोह बैं
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विचारमग्न
ग्न पूज्य श्री
पू.श्री की सेवा में मुनि पीयूषचंद्र, प्रीतेशचंद्र
जिनमंदिर में विराजित परमात्मा
अंजनविधि दौरान परमेष्ठि मुद्रा में पूज्यश्री
परमात्मा की स्तुति करते हुए पू, गच्छाधिपति श्री पास है. दीक्षार्थी श्री पवनकुमार वर्तमान में मुनि चन्द्रयशविजयजी म.सा.
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