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१०० साल के इतिहास में पहली बार पंन्यासपद समारोह की झलकियाँ (१९९६ पालीताणा)
meन्यास पद
मुनिराज श्री रविन्द्रविजयजी एवं मुनिराज श्री लोकेन्द्र विजयजी को १०० वर्षों के (त्रि.मे.) इतिहास में पहली बार पंन्यास पद प्रदान करते हुए ग्रंथनायक १९९६ पालीताणा
पंन्यास पद का वासक्षेप करते हुए पूज्य आचार्यदेव श्री
प्रथम दत्ती को जाते हुवे मुनि मण्डल
विशाल जनसमूह में पूज्यश्री
वरघोडा का एक दृश्य
विशाल गुरुभगवंतों के मध्य प.आ.श्री ग्रंथनायक
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