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शासनभावना
आचार्यपदवी पाकर, शासन प्रभावना को दर्शाया । भांति भांति के शिष्य बनाकर, सकल संघ हर्षाया। चातुर्मास हेतु प्रान्त प्रान्त में आये।
जैन संघ ने स्वागत में पियूष बहुत बरसाये। श्रावक गण दूर दूर से दर्शन हेतु आते हैं। व्याख्यान सुन सुन, जीवन धन्य बनाते हैं। प्रभु महावीर का सन्देश घर घर जाएगा। सत्य अहिंसा को हर मानव जिन्हें अपनाएगा। धर्मध्वजा नगर नगर में जब लहराएगी। प्रभुदर्शन पाकर, जीवन धन्य बनाएगी।
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