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जैन दर्शन 2 और इतिहास
atmavallabb आत्मवल्लभा ।. देश के लिये संदेश ... विजयेन्द्रदिन्न सरि । આત્મવલભ 2. जैन दर्शन और विश्व शांति... आचार्य विजय इन्द्रदिन्न....
3 श्रावक धर्म ... गणि जगच्चन्द्र विजय , ........... 4. पर्वगत आगमों की परम्परा... डॉ० गोकुलचन्द्र जैन ...... 5. भगवान महावीर का अनेकान्तवाद ... साध्वी मृगावती श्री.... 6. भारतीय संस्कृति में जैन धर्म... साध्वी ओंकार श्री ........। 7. अनेकान्तवाद... पं० गिरिजादत्त त्रिपाठी 8. कलिकाल सर्वज्ञ हेमचन्द्राचार्य .... साध्वी प्रफुल्ल प्रभा श्री ............। 9. अकबर प्रतिबोधक श्री हरि विजय सूरि... मुनि अरुण विजय .........। 10 तीर्थं तथा राष्टं प्रति जैन समाजस्य योगदान ... साध्वी नयनानंद थी। 11. जैन दर्शन में छः लेश्वाएं... आचार्य रजनीश ..... 12. प्रमख जैनाचार्यों की योग दर्शन को देन . . . अरुणा आनन्द 13. धर्म चित्त की शुद्धता .... अनुराधा . . . . . . . . . . 14. CHATURVIDH SANGH .............. 15. JAIN LITERATURE ..............। 16. STUDIES IN THE FOLK-TALES OF INDIA... M.B. Emeneau ...... 17. THE VALLUE OF A VEGETARIAN DIET ... Dr. Natubhai Shah ....... 18. CONTRIBUTION OF THE JAINS... IN THE FIELD OF COMMERCE,
TRADE, INDUSTRY AND SOCIAL RESPONSIBILITY... Pratap Bhogilal ....... 19. JAIN STUDIES IN GERMANY... Magdalene Duckwitz 20. ABOUT AN AKSAYATRITIYA VYAKHYANA... Dr. Nalini Balbir H.. 21. JAINISM - A UNIVERSAL RELIGION ... Sudhakar M. Dalal ...... 22. मेरी भावना . . . . . . . . . . 23. कलिकाल सर्वज्ञ श्री हेमचन्द्राचार्य (गजराती)... पं० शीलचन्द्रविजय जी गणि.... 24. जप साधना ... शशिकान्त महेता ...................................... 25. जैन साहित्यमा बुद्धिचातुर्यना कथा घटको .... पन्नालाल र० शाह .............। 26. जैन साहित्यगत प्रारम्भिक निष्ठा .... पं० दलसुख मालवणिया। 27. श्री वीरचंद्र राघवजी गांधी... डॉ० कुमारपाल देसाई ..........। 28. समता ... प्रा० तारा बहेन रमणलाल शाह
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