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________________ .+ . +20. +m satta RR LVL, rod C - निर्माणाधीन भवन की रूपरेखा बल्लभ स्मारक के प्रांगण का कलात्मक प्रवेश द्वार जी.टी. करनाल राजमार्ग पर निर्मित होगा। यह द्वार 45-00 फुट चौड़ा 8-0" फुट गहरा और 40-0ऊँचा होगा। इसका निर्माण गुलाबी रंग के संदर पत्थर में जैन शिल्प कलानुसार जैन प्रतीकों सहित होगा। भवन के चारों तरफ का खुला भाग सुंदर मखमली घास और छोटे-छोटे सुंगधित फूलों वाले वृक्षों से सुशोभित होगा। बीच-बीच में पर्यटकों की सविधा के लिये बैठने का स्थान होगा और गुरु वल्लभ की शिक्षाप्रद वाणी के पद सुंदर पटों पर अंकित होंगे जो उनकी यशोगाथा को अमरत्व प्रदान करेंगे। मुख्य भवन का 9000 वर्गफुट में निर्माण प्राचीन जैन स्थापत्य कला का एक अद्वितीय प्रतीक होगा। रंगमंडप का 84.फुट ऊँचा शिखर गुरु वल्लभ की 84 वर्ष की आयु का द्योतक होगा। जैन शिल्प शास्त्र में लोहे को निकृष्ट धात माना गया है इसलिये इसका उपयोग वर्जित है। इस कारण समस्त निर्माण में इस धातु का उपयोग नहीं किया गया है। बंसी पहाड़पुर (आग्रा) की खानों में मिलने वाला संदर गलाबीरंग का पत्थर निर्माण में प्रयोग किया जाता है। इस पत्थर का एक खास गुण यह है कि सैंकड़ों वर्षों तक इस पर काई नहीं जमती और इस कारण इसपर की गई कारीगरी की सुंदरता बनी रही है। मुख्य भवन की नींव तथा तलधर (बेसमेन्ट) स्मारक भवन की नींव लगभग 8 फट गहरी है और हजारों टन पत्थर का वजन वहन करने की क्षमता के लिये नींव में 3-01 * 1-6" x 0-6" मोटी पत्थर की शिलायें बिछाई गई हैं। बेसमेन्ट की छत 14 फट ऊँची है और मुख्य डोम का वजन उठाने के लिये 2-6" व्यास के पत्थर के स्तभों का निर्माण 64 फुट व्यास की गोलाई में किया गया है। इन पिलरों को सदृढ़ करने के लिये 20" फुट व्यास के 16 और 3-0" x 2-6" साईज के 8 पिलरों का भी निर्माण किया गया है। बेसमेन्ट का कुल क्षेत्रफल मुख्य भवन के अनुसार ही 8938 वर्गफुट का है। बेसमेन्ट की 64 फुट व्यास की छत का निर्माण स्थापत्य कला का अनोखा उदाहरण है। 6" मोटी पत्थर की तीन पट्टीयों को पत्थर की ही रीगों से बांध कर टिकाया गया है और बीच में पद्मशिला (चाबी) लगाकर स्थिरता प्रदान की गई है। Jain Education international -CH . . . . FL.FINISH LVL. . For PrivatesPermanat the only. www.jainelibrary.orm
SR No.012062
Book TitleAtmavallabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagatchandravijay, Nityanandvijay
PublisherAtmavallabh Sanskruti Mandir
Publication Year1989
Total Pages300
LanguageHindi, English, Gujarati
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size55 MB
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