SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 97
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शाहदरा में रथयात्रा पर गुरुभक्तों ने अपूर्व पुष्प वृष्टि की दिनांक 19.02.2004 प्रातः 10 बजे रथयात्रा का शाहदरा (दिल्ली) में आगमन हुआ, रथ यात्रा को बैंड बाजों के साथ वंदन-अभिनंदन किया गया, पुल से शुरू होकर शोभा यात्रा श्री आत्मवल्लभ जैन आराधना भवन पहुँची वहां से होती हुई श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन मन्दिर में पहुंची जहां भव्य भजन कीर्तन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। श्री प्रदुमन कुमार जैन ने रथ संचालकों श्री शान्ति लाल, श्री नीरज जैन का स्वागत किया। मंत्री श्री सुरेन्द्र कुमार जैन, विजयानंद जैन हस्पताल (पक्षी विभाग) के प्रधान श्री जिनेश कुमार जैन, सैक्रेटरी श्री निर्मल कुमार जैन, गुड़गाँव से श्री मोती लाल, श्री अनिल कुमार जैन, अहमदाबाद से श्री कैलाशचन्द जैन, श्री अनिल जैन, श्री शुक्लचन्द जैन, श्रीयुत् श्रीपाल जैन आदि पदाधिकारियों के साथ भव्य भजन कार्यक्रम में अच्छी रौनक हुई। गुरुभक्त गुरु प्रतिमा को अपलक निहारते हुई, गुरुभक्तों के मुख से अपने सर्वेसर्वा गुरु वल्लभ के लिए यह स्वर निकल रहे थे दिनांक 19.02.2004 बाद दोपहर 3 बजे रूपनगर में रथयात्रा का रूपनगर (दिल्ली) में आगमन हुआ। पूर्वनिधार्रित कार्यक्रम के अनुसार सायं 7 बजे रथयात्रा बैंड-बाजों के साथ निकाली गई, सभा के पदाधिकारियों की अगुवाई में रथयात्रा का जोरदार स्वागत हुआ और रथयात्रा रूप नगर स्थित उपाश्रय में पहुंची। साहित्य मनीषि आचार्य भगवन् श्रीमद् विजय वीरेन्द्र सूरि जी, प्रवचन प्रभावक मुनि श्री राजेन्द्र विजय जी आदि ठाणा-4 तथा साध्वी कुसुमप्रभा श्री जी महाराज ठाणा-2 की उपस्थिति में श्रावक-श्राविकाओं ने गुरु महिमा का गुणगान भजन एवम् कविता के माध्यम से किया। विजय वल्लभ स्मारक ट्रस्ट के प्रधान श्री राजकुमार जैन, श्री आत्म वल्लभ भवन के प्रधान श्री वीर चन्द जैन, मंत्री श्री अभय कुमार जी, सहमंत्री श्री शुभकान्त जी तथा अन्य सदस्य सर्वश्री मिलाप भाई, रमेश जैन, धनराज जैन, नरेश जैन, बलदेव राज जैन, सिकन्दर पाल जैन, महिला मण्डल की प्रधाना श्री विभा जैन भी उपस्थित थे। प्रधान जी ने घोषणा की बड़ौदा शहर में जहां गुरु वल्लभ का जन्म हुआ उस मौहल्ले का नाम तथा चौंक का नाम गुरु वल्लभ के नाम से रखा गया है। रूपनगर दिल्ली में चतुर्विध संघ द्वारा रथयात्रा का भावपूर्ण अभिनन्दन 451 विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका 95 Jain Education International For Private & Personal Use Only
SR No.012061
Book TitleVijay Vallabh Sansmaran Sankalan Smarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpadanta Jain, Others
PublisherAkhil Bharatiya Vijay Vallabh Swargarohan Arddhashatabdi Mahotsava Samiti
Publication Year2004
Total Pages268
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size51 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy