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गुरुवर विजय वल्लभ स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दी वर्ष समापन समारोह का शुभारम्भ दिनांक 15.10.2004 शुक्रवार प्रातः 9 बजे हजारों की जनमेदिनी में एस.ए. जैन सीनियर सैकण्डरी स्कूल अम्बाला शहर के विशाल प्रांगण में हुआ। श्री सिकन्दर लाल जी ने गच्छाधिपति जी के निर्देशन में बहुत ही सुन्दर ढंग से मंच का संचालन किया। इस समारोह को अपनी शुभ निश्रा प्रदान करने के लिये प.पू. गच्छाधिपति जैनाचार्य श्रीमद् विजय रत्नाकर सूरीश्वर जी महाराज अपने श्रमण एवं श्रमणी मण्डल सहित उपाश्रय से शोभा यात्रा के रूप में बैंड-बाजे के साथ समारोह स्थल पर पधारे।
शोभा यात्रा में शीशे के रत्नों से जड़ित पालकी में प.पू. आचार्य श्रीमद् विजय वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज जी की आकर्षित प्रतिमा -दर्शन एवं वंदन हेतु पण्डाल में विराजित की गई। पूर्व निर्धारित समयानुसार वर्तमान गच्छाधिपति जी के मंगलाचरण से समारोह का शुभारम्भ हुआ।
सर्वप्रथम श्री आत्मानन्द जैन सीनियर मॉडल स्कूल अम्बाला शहर की छात्राओं द्वारा गुरु भक्ति का सुन्दर स्वागत गीत का गायन किया गया। तत्पश्चात् श्री कश्मीरी लाल अवताश जैन बरड़ परिवार द्वारा दीप प्रज्जवलन किया गया।
श्रीमद् विजय वल्लभ स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दी महोत्सव वर्ष
त्रिदिवसीय समापन समारोह हर्षोल्लास के साथ बहुत धूमधाम और अभूतपूर्व जनमेदिनी के मध्य सफलतापूर्वक सम्पन्न
प.पू. गुरु वल्लभ की प्रतिमा जी को माल्यार्पण श्री राज कुमार प्रदीप जैन, मै. प्रदीप पब्लिकेशन जालंधर वालों ने किया। गुरु प्रतिमा की वासक्षेप पूजा का लाभ प. पू. गुरुभक्त श्री रूप लाल धर्मपाल जैन (पट्टी वाले) लुधियाना परिवार ने लिया ।
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पूज्य गुरुदेव की निश्रा में सकल चतुर्विध संघ 'गुरु वल्लभ की पालकी' की शोभा यात्रा में
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स्वागती गीत
भव्य शोभायात्रा में 'भांगड़ा' का दृश्य
दीप प्रज्जवलन - श्री कश्मीरी लाल जैन बरड़ परिवार
विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका
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