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जंडियाला में मूलनायक भगवान ऋषभदेव की गुरु वल्लभ द्वारा स्तुति हे प्रभु मोहे तार स्वामी, जगजीवन हितकार, स्वामी हे हो स्वामी ।। अंचली नाभि राजा कुल जनम लियो है, माता मरुदेवी सार स्वामी । 10 1
दर्शन जंडियाले तुम पायो, आलस कियो हम वार ।। स्वामी09 राग-द्वेष को दूर निवारी, मोह से कियो किनार ।। स्वामी0 10 आतमराम रमण निज रूपे, 'वल्लभ' पार उतार ।। स्वामी0 11 वल्लभ काव्य सुधा पृ. नं. 5
पुष्पांजलि
श्री धनपत राय विलायती राम वल्लभ दास पाटनी वंशज : सुरेश जैन पाटनी, अभिनव जैन पाटनी
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