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श्रमण भगवान महावीरनो मेरूपर्वत उपर जन्माभिषेक
सौधर्मेन्द्र भगवानने खोळामां लइने बेठा छे. वृषभरूपधारी इंद्रो देवगण अभिषेकोत्सव उजवी रह्या छे. धार्मिक चित्रो द्वारा कळाने उत्तेजन आपवानी जैन साधुओनी परंपरा घणा सैकाओथी जोवा मळे छे. आजे पण जैन श्रमणो सर्वमान्य पवित्र कल्पसूत्रचित्रोनुं सर्जन करावे छे. आ चित्र पू. मुनिवर श्रीयशोविजयजी महाराजना संग्रह पैकीनुं जयपुरी कळानुं प्रतीक छे.