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पंजाबके जेन भंडारो का महत्व
अंबाला शहर रोपड़ (अंबाला)
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[ लेखक ने अपने गुरु बुल्नर के विषय में ग्रन्थ में छपा है । उसी में उस का ठीक
सामाना (पटियाला )
मालेरकोटला
लुधीआना
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[ लेखक:- श्री. बनारसीदास जैन M. A. ]
पंजाब में तीनों जैन संप्रदायों के अपने २ पुस्तक भंडार हैं जो प्रसिद्ध २ नगरों में सुरक्षित हैं । जैसे—
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एक अंग्रेजी में लेख लिखा है वो इस ठीक परिचय मिलता है - संपादक. ]
नैकविद्याप्रदं नौमि " वूल्नरं "मृषिरूपिणम् जैनशास्त्रप्रवृत्तिं मे यः सोत्साहमवर्धयत् ॥
श्वेताम्बर (मूर्तिपूजक) होशियारपुर
जालन्धर शहर
नकोदर ( जालन्धर )
जीरा ( फिरोज़पुर )
अमृतसर
पट्टी (अमृतसर) जंडियाला (,,
लाहौर
गुजरांवाला इत्यादि में
१ भंडार से मेरा आशय केवल हस्तलिखित - पुस्तक - संग्रह का है, यद्यपि प्रायः प्रत्येक भंडार में मुद्रित पुस्तकें भी मिलती हैं ।
)
२ लेखक के लौकिक विद्या गुरु डा० ए० सी० वूल्नर ( Dr. A. C. Woolner) जो पंजाब यूनिवर्सिटी के वाइस चान्सलर तथा ओरियंटल कालेज के प्रिन्सिपाल थे । इन्हों ने पंजाब में जैन साहित्य की उन्नति के लिए बहुत कुछ किया ।
३ श्वेताम्बर भडांरों में सैंकडों नई और पुरानी प्रतियां श्रीमद् विजयानन्दसूरि तथा उनके शिष्यों ने गुजरात मारवाड़ से भिजवाई । बहुत-सी प्रतियां सं० १९३० से १९५० तक गुजरांवाला के पं० बलीराम मिश्र ने नकल कीं । यह काम शायद स्वर्गवासी गुरुमहाराज के उपदेश से हुआ होगा ।
ताब्दि ग्रंथ ]
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