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पदेवारपानन्दस्वर्गारोहण अर्धशताब्दि महोत्सवकैलीपै
नप्रविष्य
स्वर्गवासी जैनाचार्य श्रीमद्विजयानन्दमूरि प्रसिद्धनाम श्रीआत्मारामजी महाराज के समयमें आज के जैसा संग्राहक समय न था, जिसमें भी जैन साधुओं में तो इस बात का ख्याल तक भी न था कि, जो जो वीतक–बनाव बने उसकी तिथि या तारीख वार नोंध (नोट) कर लिया जाय ।
यदि ऐसा समय होता तो सद्गत न्यायांभोनिधि जैनाचार्य १००८ श्रीमद्विविजयानन्दसूरि प्रसिद्धनाम श्रीआत्मारामजी महाराज की एक एक दिन की चर्या का संग्रह किया जाता कि जिससे जैन–जैनेतर जनता पर बहुत ही अच्छा प्रभाव डाला जाता । तो भी जिन जिन को जितना जितना अनुभव में आया या कर्णगोचर हुआ समाचार देकर उन उन महानुभावों ने अपना फ़रज अदा कर दिया है उसकी बाबत उन सर्व महानुभावों को धन्यवाद देते हुए आगे के लिए उन महाशयों को और अन्यान्य महानुभावों को विदित किया जाता है कि
जन्मशताब्दि महोत्सव की तरह संवत् २००३ में आप के स्वर्गारोहण को पूरे पचास वर्ष होवेंगे इस बात को लक्ष्य में लेकर आपका स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दि महोत्सव मनाया जायगा । इसलिए आप अभी से ही उस अर्द्धशताब्दि की तैयारिये करें। दश वर्ष के लंबे समय में आप जो कुछ करना चाहें कर सकते हैं। हां! जिंदगी होनी चाहिये । यह तो निर्विवाद बात है कि जो जीता रहेगा उस समय का अनुभव कर ही लेगा । तो भी यदि अभी से ही उस समय के लिए यथाशक्ति कर्तव्यपरायण हो लिया जाय तो संभव है, कुछ न कुछ उस समय के उचित बन सकता है । और वही अपनी यादगार उस अवसर पर काम आसकती है।
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