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करत निर्माण
समान
वीणा जानि राती मन्ति नान्या सुतं त्वपर्म जननी प्रमु सर्वा दिशो दधतिमानि सहस्र
व्यव दिवजनयति स्फुरदशुजा
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श्री १०८ मुनि विद्यानंद जी के सान्निध्य में आयोजित श्री जिनेन्द्र वर्णी के सम्मान समारोह में बाल-आश्रम, दिल्ली में भाषण देते हुए
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दिगम्बर जैन मंदिर, जनरलगंज, कानपुर में दशलक्षण पर्व - प्रवचन करते हुए
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