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४ : सरस्वती-वरवपुत्र पं० बंशीधर व्याकरणाचार्य अभिनन्दन-प्रन्य
सत्यमेव करते
गृह-मंत्री,
भारत नई दिल्ली-११०००१ १६ सितम्बर, १९८९
सन्देश यह बड़े हर्ष का विषय है कि आप वयोवृध्द स्वतंत्रतासेनानी और विन्दत्वर पं0 बंशीधरजी व्याकरणाचार्य के अभिनन्दन का आयोजन कर रहे हैं । इस प्रशंसनीय प्रयास के लिए आप साधुवाद के पात्र हैं।
पं० बंशीधरजी ने आजादी की लड़ाई और साहित्यसाधना के साथ ही समाज-सुधार के क्षेत्र में जो महत्वपूर्ण कार्य किये हैं वे नयी पीढ़ी के लिए प्रेरणा के स्थायी स्रोत हैं। मैं पं० बंशीधरजी की दीर्घायु के साथ ही आपके प्रयास की सफलता की मंगल-कामना करता हूँ।
बूटा सिंह
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