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________________ श्रीमद जयन्तसेन सरि अभिनन्दन ग्रं जैनाचार्य श्रीमद् जयन्तसेनसूरीश्वरजी महाराज श्री जयंती भाई देसाई (थराद) श्रीमद् जयन्तसेन सूरि अभिनन्दन ग्रंथ प्रकाशन समिति (कोषाध्यक्ष) Jain Education Internationa के जीवन के पचासवें वर्ष के उपलक्ष में कुमकुम पगलिए....... • आपके अनुयायियों की संख्या लाखों में हैं, पदविहार कर जिस ओर भी अग्रसर होते है आपका भव्य स्वागत व सौमय्या होता हैं, आपके प्रवचनों में हजारों की संख्या में श्रोता होते है। आपके आह्वान पर हजारों की जनमेदिनी एकत्र हो जाती है। आपके हर वाक्य को उपदेश माना जाता है, आज्ञा के रूप में धारण किया जाता है। आपकी आज्ञा को धर्म की परिभाषा तक के रूप में स्वीकृति मिलती है। आपके कुमकुम सने पगलिए प्राप्त करने हेतु श्रद्धालु लालायित रहते हैं। जो एक बार आपके दर्शन कर संपर्क में आता है, उसकी इच्छा बार-बार आपका सान्निध्य प्राप्त कर दर्शन करने की होती है। आपके माध्यम से जिसके हृदय में एक बार ज्योती प्रज्जवलन हो जाती है, वह आपको जीवन भर प्रकाश के पुंज के रूप में अधिग्रहित किए हुए रहता है। आपके चरणों की राजधूलि प्राप्त करने के लिए राजनेता से लेकर रंक तक उपक्रम करते हैं, आपके करकमल से मंत्रित वासक्षेप अपनी शिखा पर प्रक्षेपित करवा कर अपने जीवन में उर्जा व संकल्प शक्ति की अनुभूति प्राप्त करने हेतु कतारबद्ध मानव समुदाय प्रतीक्षारत रहता है। ग्रंथ नायक को वैराग्यशील आत्माओं ने परमोपकारी गुरू भगवंत के रूप में, बुजुर्गों ने अपने आत्म उत्थान के आराध्य के रूप में, युवाओं ने अपने हृदयतंत्री की झंकार के रूप में, प्रौढ़ों ने अपने हृदय शिरोमणि के रूप में, समाज ने अपने मुकुट की रत्नमार्ग के रूप में, परिचितों ने सच्चे कल्याणमित्र के रूप मे तथा एक बड़े प्रशंसक वर्ग ने बहुमुखी प्रतिभाओं के प्रकाशमान पुंज के रूप में ग्रहण किया है। हर आयु के भक्त की लालसा आपके दर्शन तथा वंदन करने की रहती है। आपके प्रति विश्वास की भावना से हर भक्त अनुप्रणित है। उसे उसके अनुसार सही जीवन दर्शन प्राप्त होता है। (सम्पादकीय 'वागर्थ' का अंश) e Only www.jainelibrary.org
SR No.012046
Book TitleJayantsensuri Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurendra Lodha
PublisherJayantsensuri Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1991
Total Pages344
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size88 MB
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