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परमपूज्य वयोवृद्ध दीर्घ तपस्वी समन्तभद्र जी महाराज से सुमत प्रसाद जैन के नेतृत्व में अभिनन्दन ग्रंथ समिति का एक प्रतिनिधि मंडल कुंभोज (बाहुबली) में दिनांक २६ सितम्बर, १९८६ को मिला
और अभिनन्दन ग्रंथ की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए उनके मंगल आशीर्वाद की प्रार्थना की।
मौन साधना में निरत विद्याप्रणयी मुनिराज ने स्लेट पर मंगल वचन लिखकर अपनी हार्दिक प्रसन्नता को अभिव्यक्त किया और ॐ को अंकित करके इस सारस्वत अनुष्ठान की सफलता की कामना प्रकट की।
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