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मायमेव जयते
राष्ट्रपति भारत गणतंत्र
PRESIDENT REPUBLIC OF INDIA
सन्देश
मुझे यह जान कर प्रसन्नता हुई है कि आचार्यरत्न श्री देशभूजण जी महाराज की ऐतिहासिक दिशम्बरी साधना के 51 वर्ष पूरे होने के उपाय में उनके सम्मान में एक वृहत्त अभिनन्दन गथ, "आस्था और चिन्तन" के रूप में उन्हें समपित किया जायेगा जिसमें आचार्य जी के रचनात्मक व्यक्तित्व एवं कृतित्व के सम्बन्ध में व्यापक प्रकाश डाला गया है ।
2. आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी पिछले 51 वों से भारत के विभिन्न धोत्रों को पदयात्रा करते हुए सत्य, अहिंसा, दया, शाति, संयम, आपरिगृह
और उवात मानव मूल्यों का उपदेश जन-सामान्य को देते रहे है। देश के कोने-कोने में अपनी पदयात्रा के द्वारा उन्होंने सामाजिक कुरीतियों और अधकि वासों की और समाज का ध्यान आकृष्ठ किया है और अन्य लोगों को नैतिक जीवन व्यतीत करने हेतु प्रतिज्ञा दिलवाई है । मैं इनके इस कार्य को आध्यात्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय एकता और अण्डता की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण मानता हूँ। वे देश की विभिन्न भाषाओं के प्रकाण्ड पडित हैं और जन-भाषा की सम्मन्नति के लिए कृत संकल्प है। 3. में इस शुभ अवसर पर उन्हें हार्दिक बधाई देता है और उनकी दीघायु की कामना करता हूं।
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नई दिल्ली 29 अप्रैल, 1987
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