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________________ Member of Parliament ३२, मीना बाग (Lok Sabha) नई दिल्ली २८-२-८६ आचार्यरत्न हमारे देश के महान् अध्यात्मवादी, मानवता के पुजारी, देशभक्ति से पूर्ण महान् तपस्वी हैं । उनका जीवन मानव-समाज के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण है। उनके बताये मार्ग पर इस भौतिकवादी संसार में ज्ञान प्राप्त कर आत्मकल्याण के मार्ग पर हम लोग प्रशस्त हों, ऐसी कामना करता हूँ। डालचन्द जैन Member of Parliament ४७-४६, साउथ एवेन्यू. (Lok Sabha) नई दिल्ली २४-७-८६ जैन समाज आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज की साधना के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के निमित्त एक वृहद्काय अभिनन्दन ग्रन्थ उनके कर-कमलों में भेंट कर रहा है। आदर्श युगसाधक एवं तपस्वी की अप्रतिम सेवाओं के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए यह प्रयास वास्तव में एक शुभ संकल्प है। जगन्नाथ प्रसाद संसद् सदस्य (लोक सभा) ७१, नार्थ एवेन्यू, नई दिल्ली १-८.८६ भारतवर्ष प्राचीन काल से ही अध्यात्मप्रधान देश रहा है। आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी जैसे तपस्वियों और युगचिन्तकों ने भारतीय संस्कृति की धारा को अविच्छिन्न रूप से प्रवाहित किया है। जैन परम्परा के इस महान् तपस्वी की तपसाधना के प्रति मैं श्रद्धा अर्पित करता हूँ। रामेश्वर नीखरा आस्था का अर्घ्य Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012045
Book TitleDeshbhushanji Aacharya Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorR C Gupta
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year1987
Total Pages1766
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size56 MB
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