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श्री देव न्द्रकुमारजी हिरण, राजसमन्द
श्री अगरचन्द जी नाहटा साहित्य जगत के उज्ज्वल नक्षत्र हैं और श्री नाहटा जी बात के धनी हैं। श्री धीरजलाल शाह, बम्बई
उनकी साहित्य साधना अपूर्व है। श्री प्रभुदयाल मित्तल, मथुरा
ऐसे महान् साहित्य साधक का जितना सम्मान किया जाय कम है। श्री विद्याधरजी शास्त्री, चुरू
आपको यह साधना सदैव प्रगति पर है आज भी आप अपने संग्रह को समृद्ध कर रहे हैं । डा० लक्ष्मीनारायण दबे, सागर विश्व विद्यालय, सागर
___ श्री अगरचन्दजी नाहटा जैनधर्म साहित्य और राजस्थानी वाड्मय के जीवित इनसाइक्लोपीडिया है । श्री पूरनचन्दजी जैन, जयपुर
भारतीय पुरातत्व, विशेषतः जैन धर्म, और संस्कृति-शोध तथा ग्रन्थों के गुणाधार है। डा० लालचन्द जैन, वनस्थली विद्यापीठ, श्री कैलासचन्द जैन, उज्जैन डा० छगनलाल जी शास्त्री, सरदार शहर
श्री सुन्दरलालजी तातेड, बीकानेर श्री बालकवि वैरागी, मनासा
श्री प्रकाश नाहटा, अनूपगढ़ डा० शिवगोपाल मिश्र, इलाहाबाद
श्री गुलाबचन्द बड़जात्या, भोपाल श्री हरिहर निवाद द्विवेदी, ग्वालियर
श्री मानकचन्द नाहर, मद्रास , श्री ज्ञानचन्द स्वतंत्र, गंजवासौदा
श्री पुष्कर, चंदरवाकर, गुजरात श्री के०डी० वाजपेयी, सागर
श्री सुन्दरलाल नाहटा, मद्रास श्री रघुवीरसिंह जी, सीतामऊ
श्री तेजराज बाफना, सिरोही श्री कन्हैयालाल जी सेठिया, कलकत्ता
श्री गोपालनारायण बहुरा, जयपुर श्री जिनदत्तसूरी जैन मण्डल, मद्रास श्री रिषभदासजी करनावत, जोधपुर
श्री हीराभाई, इन्दौर श्री धनराज सिरोहिया, कलकत्ता
श्री साराभाई नबाब, सूरत श्री शांतिलाल जी जैन, भारत जैन महामण्डल, श्री रावतमल ताराचन्द सेठिया, सिलीगुडी भीलवाड़ा
श्री हरीश चन्द्र बडेरा, जयपुर श्री केसरीमल दीवान, सीकर
श्री बृजेन्द्रनाथ शर्मा, गाजियाबाद राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के श्री रामेश्वर दयाल दुवे, सहायक मंत्री श्री अ० भा० जैन श्वे. तेरापंथी समाज, कलकत्ता एवं श्री श्रीचन्द जी जैन, आदि की भी समारोह की सफलता हेतु शुभ कामनाएँ प्राप्त हुई।
३४० : अगरचन्द नाहटा अभिनन्दन ग्रन्थ
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